नई दिल्ली/अजमेर, 31 जनवरी (हि.स.)। विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा गरीब नवाज का 810वां उर्स इस वर्ष कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार 03 फरवरी से मनाया जाएगा।
दरगाह कमेटी ने उर्स में आने वाले जायरीन से अपील की है कि वह कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए लगाई जाने वाली वैक्सीन की दोनों डोज और आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट लेकर उर्स में शिरकत करने के लिए तशरीफ लाएं।
दरगाह कमेटी के चेयरमैन अमीन खान पठान ने हिन्दुस्थान समाचार से बात करते हुए कहा है कि बच्चों और बुजुर्गों से हम अपील करते हैं कि वह घरों से ही 3 फरवरी से शुरू होने वाले उर्स में भाग लें और दुआओं में शामिल हों।
उन्हें अजमेर शरीफ आने से बचना चाहिए। हजरत ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स इस्लामी महीना रजब-उल-मुरज्जब की पहली तारीख से शुरू होकर छठी तारीख तक चलता है। यानी इस वर्ष 3 फरवरी से 9 फरवरी तक उर्स समारोह मनाया जायेगा।
दरगाह में स्थित जन्नती दरवाजा 2 फरवरी के दिन आम जायरीन के लिए खोला जाएगा। अमीन खान पठान ने बताया है कि राजस्थान सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस के कम होते प्रभाव और उर्स समारोह के मद्देनजर रविवार का विशेष कर्फ्यू हटा दिया है और रात्रि कर्फ्यू भी 10 बजे रात्रि से सुबह 5 बजे तक कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि वैसे भी इस वर्ष उर्स समारोह में भाग लेने के लिए आने वाले जायरीन की संख्या काफी कम रहेगी क्योंकि बहुत सारे राज्यों में कोरोना गाइडलाइन की वजह से जायरीन को यहां पर आने से रोका जाएगा।
जायरीन को ठहराने के लिए विश्रामावली में विशेष प्रबंध किए गए हैं। यहां पर एक लाख बेड की व्यवस्था की गई है।
उनका कहना है कि वैसे कोरोना वायरस महामारी से पहले अजमेर आने वाले जायरीन की संख्या लाखों में हुआ करती थी लेकिन पाबंदियों की वजह से इस संख्या को बहुत कम रखने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उर्स को लेकर तमाम तैयारी पूरी कर ली गई हैं। जायरीन की सुविधाओं को लेकर भी तमाम तरह की तैयारियां की गई हैं। अजमेर उर्स की बाकायदा शुरुआत 29 फरवरी को बुलंद दरवाजे पर झंडा की रसम अदा करके कर दी गई है।
इस दौरान 25 तोपों की सलामी भी दी गई है। सीआरपीएफ के जवानों की तरफ से उर्स समारोह की शुरुआत के अवसर पर ख्वाजा साहब के सम्मान में बैंड बाजों की विशेष धुन भी पेश की गई है।