नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीसीए में गड़बड़ियों की शिकायत की जांच करने वाली पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए डीडीसीए, बीसीसीआई के पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने 18 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कीर्ति आजाद की इस अंतरिम मांग को मंजूर करने से इनकार कर दिया कि डीडीसीए को नए सदस्य बनाने से रोका जाए।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की सभी क्रिकेट गतिविधियों को डीडीसीए ही नियंत्रित करती है। डीडीसीए अंडर-14, अंडर-16, अंडर-19 और अंडर-23 के अलावा सीनियर और अंडर-19 महिला टीमों के सेलेक्शन का काम करती है।
दिल्ली में क्रिकेट की इतनी गतिविधियों पर नियंत्रण के बावजूद डीडीसीए का पारदर्शी कामकाज नहीं है। डीडीसीए का सदस्य बनाने में कोई दिशा निर्देश नहीं है।
याचिका में कहा गया है कि नए सदस्य बनाने का काम डीडीसीए के अधिकारियों की मनमर्जी पर निर्भर होता है।
याचिका में कहा गया है कि डीडीसीए के कई सदस्यों के पत्ते एक ही जगह के हैं। याचिका में कहा गया है नरेंद्र कुमार बत्रा के घर के पते पर 17 डीडीसीए के सदस्य है जबकि सीके खन्ना के पते 25 से ज्यादा डीडीसीए के सदस्य हैं।
सदस्य बनाने की इस प्रक्रिया से डीडीसीए में कुछ खास लोगों का बोलबाला है। ये लोग अपने समर्थकों के साथ डीडीसीए के चुनाव में अपना प्रभाव दिखाते हैं।
डीडीसीए में भाई भतीजावाद की वजह से कई बार दिल्ली की टीम के चयन का काम प्रभावित होता है।
याचिका में डीडीसीए का प्रशासन किसी प्रशासक की देखरेख में चलाने की मांग की गई है। याचिका में मांग की गई है की एक परिवार से एक ही वोट चुनाव के दौरान डाले जाएं।