नई दिल्ली: नए ओमिक्रॉन वैरिएंट ने पूरी दुनिया की चिंता को बढ़ा रही है।
इसी बीच यूके की एक नई रिसर्च स्टडी के अनुसार भारत में कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल हो रही ओक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ करीब 70-75 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करने में कारगर साबित हो सकती है।
हेल्थ एजेंसी के अनुसार भारत में कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल की जा रही ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका और फाइजर/बायोएंडटेक की वैक्सीन के दोनों डोज कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन के खिलाफ कम सुरक्षा प्रदान करने वाली वैक्सीन हैं।
हालांकि 581 ओमिक्रॉन संक्रमित मामलों के आंकड़ों के विश्लेषण आधार पर यह दावा किया जा रहा है की वैक्सीन का तीसरा बूस्टर डोज नए वैरिएंट के खिलाफ इम्यूनिटी बूस्ट करता है।
UKHSA के मुताबिक, ‘ऐसा अनुमान है कि अगर ब्रिटेन में मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया तो इस महीने के अंत तक संक्रमण के मामले 10 लाख को पार कर जाएंगे।
शुरुआती आंकड़ों से पता चला है कि बूस्टर डोज नए वैरिएंट के खिलाफ 70-75 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान कर सकता है। हालांकि ये आंकड़े बिल्कुल नए हैं, इसलिए अनुमान में बदलाव की संभावना जताई गई है।
एक्सपर्ट्स की माने तो कोविड-19 की गंभीरता के खिलाफ वैक्सीन अभी भी बेहतर बचाव कर सकती है, जिसकी जरूरत अस्पतालों में इलाज के लिए की जानी चाहिए।’
UKHSA में हेड ऑफ इम्यूनाइजेशन की प्रमुख डॉ। मैरी रामसे ने कहा, ‘शुरुआती अनुमानों को देखते हुए सावधानी के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
ऐसे संकेत हैं कि दूसरी डोज के कुछ दिनों बाद ओमिक्रॉन से संक्रमित होने का जोखिम डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ज्यादा रहता है। हमें उम्मीद है कि कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के खिलाफ वैक्सीन अच्छा रिजल्ट देगी।
अगर आपने अभी तक वैक्सीन का पहला डोज नहीं लिया है तो इसे जल्द लगवा लें।’
डॉ। मैरी ने कहा कि जहां तक संभव हो लोगों को वर्क फ्रॉम होम पर ही रखा जाए। घर से बाहर भीड़ वाली जगहों पर बिना मास्क पहने ना निकलें।
हाथों को लगातार धोते रहें या सैनिटाइज करते रहें। अगर शरीर में बीमारी का कोई लक्षण नजर आ रहा है तो इसकी जांच कराएं और खुद को आइसोलेशन में रखें।