नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) को एक बार फिर से शीर्ष प्रदर्शनकर्ता का दर्जा दिया है।
शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (एमआईसी) ने हाल ही में आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में वर्ष 2020-21 के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों की इनोवेशन काउंसिल्स (आईआईसी 3.0) के प्रदर्शन परिणाम की घोषणा की।
मंत्रालय ने इस वर्ष फिर से इग्नू-आईआईसी को नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से स्थान दिया है। 2020-21 में कोविड-19 महामारी के कारण, एमआईसी ने स्टार आवंटन के लिए एक सामान्यीकरण दृष्टिकोण लागू किया और 5 सितारों के स्थान पर अधिकतम 4 सितारे आवंटित किए।
तकनीकी संस्थानों सहित दो हजार पांच सौ से अधिक विश्वविद्यालयों, संस्थानों और कॉलेजों में से केवल 339 को ही फोर स्टार रेटिंग से सम्मानित किया गया है।
इग्नू-आईआईसी ने निर्धारित आईआईसी कैलेंडर गतिविधियों को पूरा करने के लिए 100 प्रतिशत स्कोर के अलावा आईआईसी के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में कई स्व-चालित पहलों को अंजाम देने के लिए अतिरिक्त 240 रिवार्ड पॉइंट्स मिले, जिसके फलस्वरूप इग्नू-आईआईसी ने उच्चतम फोर स्टार रेटिंग प्राप्त की है।
इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने हमेशा विश्वविद्यालय में एक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए नए और नवीन विचारों और पहल का समर्थन किया है।
तीन साल पहले, शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल के निर्देश पर इग्नू में संस्थान की इनोवेशन काउंसिल की स्थापना की गई थी।
इग्नू में आईआईसी अध्यापकों और छात्रों को शामिल करके विश्वविद्यालय में नवाचार, स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
इसके अलावा, एनसीआईडीई ने मुख्यालय और इग्नू क्षेत्रीय केंद्रों दोनों में विश्वविद्यालय में नवाचार का माहौल बनाने की कोशिश की और कर्मचारियों, शिक्षकों और छात्रों को नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी इग्नू-आईआईसी को फाइव स्टार रेटिंग के साथ शीर्ष प्रदर्शनकर्ता का दर्जा दिया गया था।
2020-21 के दौरान विश्वविद्यालय में नवाचार, उद्यमिता और स्टार्टअप को बढ़ावा देने और समर्थन करने के उद्देश्य से कुल 99 गतिविधियों का आयोजन किया।
नतीजतन, हाल ही में इग्नू के छात्रों में से एक नंदू सुरेंद्रन को 7 लाख रुपये के अनुदान के साथ राष्ट्रीय नवाचार प्रतियोगिता के फाइनल में चुना गया है। इसके अलावा, कई अन्य छात्रों ने अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लिया है और कई दूसरे छात्रों ने अपने स्टार्टअप स्थापित करने की पहल की है।