नई दिल्ली: देश के 96 शहरों की आबोहवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। साल 2020 में वायु गुणवत्ता के आधार पर 96 शहरों ने यह लक्ष्य पूरा किया है, जबकि साल 2018 में यह संख्या 86 रही थी।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत शुक्रवार को आयोजित राष्ट्रीय सर्वोच्च समिति की पहली बैठक में यह जानकारी दी गई।
बैठक में केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि हाल के वर्षों में किए गए वायु गुणवत्ता सुधार प्रयासों ने शहरों में बेहतर वायु गुणवत्ता बनाने का लक्ष्य हासिल किया गया है।
हालांकि बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। आने वाले वर्षों में ‘सभी के लिए स्वच्छ हवा’ को आंदोलन बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने हाल में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम “प्राणा” के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल लॉन्च किया है, जो चिह्नित शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर और इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की प्रगति की जानकारी प्रदान करता है।
यह पोर्टल वायु गुणवत्ता सुधार के लिए किए गए सभी प्रयासों की निगरानी और फीडबैक का मंच होगा। साल 2019 में शुरू किए गए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) लक्षित 132 शहरों में लागू किया जा रहा है।
समिति की बैठक में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे, एमओईएफसीसी के सचिव आरपी गुप्ता, सीपीसीबी के अध्यक्ष तन्मय कुमार और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि एनसीएपी लक्षित 132 शहरों की राष्ट्रीय स्तर की कार्य योजना, राज्यस्तरीय कार्य योजनाओं और शहर स्तर की कार्य योजनाओं की तैयारी और कार्यान्वयन पर केंद्रित है।
एनसीएपी के तहत केंद्र स्तरीय संचालन समिति, निगरानी समिति और कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है और कार्यान्वयन प्रगति की आवधिक समीक्षा की जाती है।
अब तक 7 कार्यान्वयन समिति, 5 निगरानी समिति और 3 संचालन समिति की बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं।