Supreme Court said a big thing about domestic women : बुधवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए भारतीय समाज में घरेलू महिलाओं की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की।
अदालत ने कहा कि अब समय आ गया है, जब भारतीय मर्दों को Homemakers की भूमिका को समझना चाहिए।
अदालत ने कहा कि एक गृहिणी अपने परिवार के लिए बहुत त्याग करती है। Justice बीवी नागरत्ना और जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने मुस्लिम महिला की ओर से गुजारा भत्ते की मांग पर यह बात कही।
अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि CRPC के सेक्शन 125 के तहत कोई भी मुस्लिम महिला पति से अलग होते हुए एलमिनी यानी गुजारे की मांग कर सकती है। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में धर्म मायने नहीं रखता।
कोई भी विवाहित महिला अलगाव की स्थिति में पति से गुजारा भत्ता मांगने की हकदार है।