नई दिल्ली : देश का सबसे बड़ा आईपीओ पेश करने से पहले भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ा दी है।
31 दिसंबर को समाप्त तिमाही में लिस्टेड कंपनियों में एलआइसी की हिस्सेदारी बढ़कर 9.6 लाख करोड़ रुपए पहुंच गई है।
एलआईसी की मौजूदा हिस्सेदारी सितंबर तिमाही के मुकाबले 1.7 फीसदी ज्यादा है। कंपनी ने यह रणनीति उन परिस्थितियों में उठाई है, जबकि फ्रंटलाइन शेयरों के मूल्य में 1.5 फीसदी गिरावट आ चुकी है।
यह गिरावट मार्च, 2020 के बाद दिखी है। हालांकि, दिलचस्प बात ये है कि एलआईसी ने दिसंबर, 2016 के बाद अब शेयरों में गिरावट के बावजूद लिस्टेड कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का कदम उठाया है।
एलआईसी ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए डाइवर्सिफिकेशन का पूरा ध्यान रखा है। उसे लगभग सभी सेक्टर्स की कंपनियों को अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए चुना है।
हालांकि, इसी दौरान इन्फ्रा, इंजीनियरिंग और ऑटो सहित कुछ क्षेत्रों में अपनी हिस्सेदारी घटा भी दी है। इससे पता चलता है कि कंपनी अपने आईपीओ के वैल्यूएशन को लेकर पूरी तरह संजीदा है।
एलआईसी ने इस सप्ताह बाजार नियामक सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा कराने की बात कही है। कंपनी अपने पॉलिसीहोल्डर्स को 5 फीसदी डिस्काउंट भी देने वाली है।
कंपनी की नजर हैवीवेट और क्वालिटी वाले स्टॉक पर है, जिनसे उसका बाजार पूंजीकरण बेहतर होगा। दिसंबर तिमाही में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से निकासी की, लेकिन घरेलू निवेशकों ने 65 हजार करोड़ से अधिक की रकम लगाई है।