Covid Lockdown के समय मनरेगा रोजगार चरम पर रहे: आर्थिक सर्वेक्षण

News Desk
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नई दिल्ली: देश में वर्ष 2020 में कोरोना लॉकडाउन के समय महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की ओर से उपलब्ध कराए गए रोजगार अपनी चरम सीमा पर थे।

सोमवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है।मनरेगा के तहत काम की मांग पर नवीनतम आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान रोजगार चरम पर था और मनरेगा के तहत काम की मांग ग्रामीण श्रम बाजारों का सूचक है।

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार दूसरी कोविड लहर के बाद मनरेगा के काम की मांग स्थिर हो गई। सर्वेक्षण में कहा गया है कि कुल मनरेगा रोजगार अभी भी पूर्व-महामारी के स्तर से अधिक है।

मनरेगा के काम की कुल मांग जून 2020 में चरम पर थी, और उसके बाद स्थिर हो गई।सर्वेक्षण के अनुसार, मनरेगा रोजगार की मांग जून 2021 में अधिकतम 4.59 करोड़ लोगों के स्तर पर पहुंच गई।

फिर भी, मौसमी मांग के अनुसार समग्र मांग अभी भी 2019 के पूर्व-महामारी के स्तर से ऊपर है। मनरेगा के तहत काम की मांग पिछले कुछ महीनों के दौरान आंध्र प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में महामारी से पहले के स्तर से कम हो गई है।

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सर्वेक्षण में कहा गया है कि मनरेगा की अधिक मांग सीधे तौर पर प्रवासी मजदूरों की आवाजाही से जुड़ी है। हालांकि, राज्य-स्तरीय विश्लेषण से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार जैसे कई प्रवासी स्रोत राज्यों के लिए, 2021 के अधिकांश महीनों में मनरेगा रोजगार 2020 के इसी स्तर से कम रहा है। इसके विपरीत, मनरेगा रोजगार की मांग पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए 2021 में अधिक रही है।

वित्त वर्ष 2021-22 में मनरेगा के लिए आवंटन वित्त वर्ष 2020-21 में 61,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 73,000 करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आवंटन अब तक बढ़ाकर 98000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक 8.70 करोड़ से अधिक व्यक्तियों और 6.10 करोड़ परिवारों को काम दिया गया है।

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज के एक हिस्से के रूप में घोषित आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना ने कोरोना के बाद के समय में रोजगार सृजन में वृद्धि की है ।

इसने सामाजिक सुरक्षा लाभ और कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई के साथ नए रोजगार के सृजन को प्रोत्साहित किया है।

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