नई दिल्ली: राजस्थान में पर्यावरण संबंधी नियमों के उल्लंघन के आरोप में वेदांता समूह की खनन कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 25 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है।
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड पर आरोप है कि उसने राजस्थान में भीलवाड़ा जिले के हुरदा तहसील के अगुचा, रामपुरा आदि गांवों में पर्यावरण संबंधी नियमों का उल्लंघन किया।
यह मामला 1,200 हेक्टेयर में फैली खनन भूमि से संबंधित है।
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के खिलाफ दायर शिकायत के मुताबिक भारी विस्फोट और भूमिगत खनन के कारण पेयजल के स्रोत दूषित हो रहे हैं जिससे उन इलाकों में रहने वाले लोगों को दमा और त्वचा रोग आदि हो रहे हैं।
इनके मवेशियों को भी नुकसान हो रहा है। विस्फोट के कारण घूल और पत्थर कृषि भूमि और आसपास के लोगों के घर के पास जमा हो रहे हैं।
खदानों से जहरीला और दूषित जल निकलता है और भूमिगत जल का बहुत अधिक दोहन हो चुका है।
एनजीटी के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने दो फरवरी को दिये अपने आदेश में कहा कि इस मामले में जमा राशि अगर कम लगती है तो अधिकरण उपलब्ध सामग्री के अनुसार आगे निर्देश देगा।
एनजीटी ने साथ ही संयुक्त समिति को निर्देश दिया कि वह 31 मार्च 2023 तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करे।
एनजीटी का कहना है कि इस तरह के पर्यावरण संबंधी नियमों के उल्लंघन को हल्के में नहीं लिया जा सकता है खासकर जब नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनी हिंदुस्तान जिंक जैसी हो और इससे पीड़ित व्यक्ति गरीब गांववाले हों। इस घटना के पीड़ित हुरदा प्रखंड के छह पंचायतों के लोग हैं।