नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले चुनाव की तारीखों का शनिवार को ऐलान कर दिया। ये चुनाव 7 चरणों में होंगे।
ऐसे में आम आदमी पार्टी का कहना है कि चुनाव के चक्कर में लोगों का जनजीवन प्रभावित नहीं होना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आईएनएस से बातचीत में कहा, हम मुद्रा पर नहीं मुद्दों की राजनीति करेंगे।
सवाल : चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। कोविड के बढ़ते मामलों के बीच क्या आप मानते हैं कि यह चुनाव कराने का सही समय है?
जवाब : चुनाव आयोग ने चुनाव कराए जाने को लेकर मेडिकल एक्सपर्ट्स अन्य कई विशेषज्ञों से सलाह ली है। कई विभागों के साथ आपस में बातचीत करके चुनाव आयोग इस निर्णय पर पहुंचा।
ऐसे में हम चुनाव आयोग पर सवाल नहीं उठाना चाहते, लेकिन कोविड-19 में सभी पार्टियों को प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।
आयोग के निदेशा का सख्ती से पालन हो, हम उम्मीद करते हैं कि आयोग इसका ध्यान रखेगा।
सवाल : जिस तरीके से पहले तमाम राजनीतिक दल जन सभाएं करते रहे हैं, क्या आप मानते हैं कि देश में आज वर्चुअल रैली उतनी ही असरदार है, जितना कि एक सामान्य चुनाव प्रचार?
जवाब : आज मैंने दोपहर 3 बजे यूपी में किसानों के मुद्दे पर, महिलाओं के मुद्दे पर, बेरोजगारी के मुद्दे पर एक वर्चुअल जनसभा को संबोधित किया।
हम मुद्रा पर नहीं, मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे। मैं मानता हूं कि आज की तारीख में सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा प्रभाव है,
हर जन तक पहुंच है और ऐसे समय में जब 1 दिन में चार लाख से ज्यादा कोरोना के मामले आ रहे हैं और कुछ विशेषज्ञों की राय यह है कि कोरोना के पीक समय में 1 दिन में 5 लाख से भी ज्यादा मामले देश में आ सकते हैं, हमें चुनाव के चक्कर में लोगों के जीवन को प्रभावित नहीं होने देना है।
लिहाजा वर्चुअल रैली भी चुनाव प्रचार का एक बड़ा माध्यम साबित हो सकती है।
सवाल : चुनाव आयोग ने भी 15 जनवरी तक फिजिकल रैलियों पर रोक लगा दी है। ऐसे में अन्य पार्टियों के चुनाव प्रचार पर आपकी क्या राय है?
क्या आपको लगता है कि अन्य पार्टियां भी कोरोना महामारी को देखते हुए आयोग के निर्देशों के तहत प्रचार करेंगी?
जवाब : जैसा कि चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं, हम उनका पालन करेंगे। हम अन्य पार्टियों से भी यह मांग करेंगे कि पांच राज्यों के चुनाव में सभी पार्टियां वर्चुअल चुनाव प्रचार करें, क्योंकि एक ओर प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह अपनी रैलियों को रद्द करते हैं तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी में लोगों को फोन बांटते हुए नजर आते हैं।
कुछ राजनीतिक पार्टियां तो लगातार ही कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करती नजर आई हैं। केवल रोड शो और फिजिकल रैलियों पर रोक लगाने से काम नहीं चलेगा। आयोग को तत्परता से कार्रवाई करनी होगी।
सवाल : चुनाव आयोग ने 7 चरणों में 5 राज्यों में चुनाव का ऐलान किया है। खासतौर पर उत्तरप्रदेश में पूरे 7 चरणों में चुनाव जारी रहेंगे। ये काफी लंबा समय है, आप उत्तरप्रदेश के प्रभारी भी हैं, चुनाव आयोग से आपकी क्या मांग है?
जवाब : हम उम्मीद करते हैं कि आयोग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने वाले राजनीतिक दलों पर चुनाव आयोग समय पर कार्रवाई करेगा।
इससे पहले पश्चिम बंगाल के चुनाव में कोविड-19 के दौरान कई राजनीतिक दलों की ओर से खासतौर पर भाजपा की ओर से कोविड-19 उल्लंघन किया गया, लेकिन चुनाव आयोग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जहां तक अन्य राज्यों की बात है, तो गोवा और पंजाब में भी आम आदमी पार्टी पूरे जोर-शोर से चुनाव में जुटी है।
दिल्ली में हालांकि चुनाव नहीं है, लेकिन जिस तरीके से कोरोना के मामले आए हैं, उनको देखते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लागू किया है।
हम उम्मीद करते हैं कि कोविड-19 के दौरान आम लोगों के जीवन का ख्याल रखते हुए ही चुनाव आयोग चुनाव संपन्न कराएगा, क्योंकि फरवरी तक कोविड के मामले के चरम पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।