नई दिल्ली: केंद्र ने बुधवार को कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का अनुमानित 5,000 करोड़ रुपये की लागत से सार्वजनिक निजी भागीदारी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के साथ पुनर्विकास किया जाएगा।
लोकसभा में दिए गए एक लिखित जवाब में, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रस्तावित सुविधाओं में स्टेशन परिसर में भीड़-रहित एवं सुविधाजनक प्रवेश और निकास शामिल है।
इसके अलावा इन सुविधाओं में यात्रियों के आगमन/प्रस्थान को अलग-अलग सुनिश्चित करना, भीड़भाड़ से इतर एक सुगम स्थान, शहर के दोनों किनारों का एकीकरण और परिवहन प्रणालियों का अन्य तरीकों के साथ एकीकरण शामिल है।
उन्होंने कहा, अच्छी तरह से सुसज्जित क्षेत्र और ड्रॉप ऑफ, पिकअप एवं पार्किं ग के लिए पर्याप्त प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।
रिक्वेस्ट फॉर क्वालीफिकेशन (आरएफक्यू) 2 फरवरी से खोली गई है।
रेल मंत्री ने आगे कहा कि निजी भागीदारी को आमंत्रित करते हुए, स्टेशन के आसपास और इसके परिसर की जमीन और हवाई क्षेत्र का लाभ उठाते हुए स्टेशन पुनर्विकास की योजना बनाई गई है।
गोयल ने कहा, इसके लिए, रेलवे देश भर के स्टेशनों की तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन कर रहा है।
व्यवहार्यता अध्ययनों के परिणाम के आधार पर विभिन्न चरणों में स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा।
रेल मंत्री गोयल ने कहा कि गुजरात में पुनर्विकास के लिए अहमदाबाद, गांधीनगर, न्यू भुज, साबरमती, सूरत और उधना रेलवे स्टेशनों की पहचान की गई है।
उन्होंने कहा, गांधीनगर में कार्य एक उन्नत चरण में है और पूरा होने वाला है।
साबरमती स्टेशन के लिए आरएफक्यू को अंतिम रूप दिया गया है।
सूरत और उधना स्टेशनों के लिए मंजूरी प्राप्त करने को आरएफक्यू वित्त मंत्रालय की सार्वजनिक निजी भागीदारी मूल्यांकन समिति (पीपीपीएसी) को सौंप दिया गया है।
अहमदाबाद और न्यू भुज के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट विभिन्न चरणों में है।