नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ मंत्री नवाब मलिक ने एनसीबी के पूर्व जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े पर एक बार फिर निशाना साधा है।
मलिक ने आरोप लगाया है कि आईआरएस अधिकारी वानखेड़े के पास बार लाइसेंस है।
मलिक ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के विजिलेंस विभाग को लिखे गए एक पत्र में इस संबंध में शिकायत की है, जिसके बाद अब एक और विवाद खड़ा हो गया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता मलिक ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व मुंबई प्रमुख समीर वानखेड़े के खिलाफ केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की महानिदेशक (सतर्कता) सुचित्रा शर्मा को शिकायत भेजी है।
मलिक ने कहा कि वानखेड़े के पास 1997 से अब तक परमिट रूम और बार लाइसेंस है। मलिक ने कहा कि वानखेड़े नवी मुंबई के वाशी में सद्गुरु होटल नाम से एक होटल और बार चला रहे हैं।
मलिक ने अपनी शिकायत में सवाल उठाते हुए कहा, क्या एक केंद्र सरकार का अफसर अपने नाम पर परमिट रूम और बार का लाइसेंस रख सकता है?
मलिक ने सीबीआईसी से वानखेड़े के कथित प्रशासनिक कदाचार को संज्ञान में लेने और जांच करने को कहा है। शिकायत की प्रतियां सीबीआईसी के अध्यक्ष और डीजी, एनसीबी को भी भेजी गई हैं।
मलिक ने यह भी कहा कि वानखेड़े ने अपनी पत्नी क्रांति रेडकर के नाम पर संपत्ति और कारोबार की घोषणा नहीं की है।
मलिक ने दावा किया कि केवल एक संयुक्त संपत्ति की घोषणा की गई है, जबकि रेडकर और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर वानखेड़े ने अपने वार्षिक संपत्ति विवरण में खुलासा नहीं किया है।
मलिक ने यह भी कहा कि वानखेड़े ने गलत खुलासा किया है और यह कहकर तथ्यों को छिपाने का प्रयास किया है कि उन्हें बार और होटल उनकी मां जाहिदा दयानदेव वानखेड़े के निधन के बाद विरासत में मिले थे।
मलिक ने कहा कि लाइसेंस 1997 से वानखेड़े के नाम पर है जबकि उनकी मां की मृत्यु बहुत बाद में 2015 में हुई थी।