नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संत ईश्वर सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सेवा मनुष्य की मनुष्यता का स्वाभाविक आविष्कार है।
सेवा के कारण ही मनुष्य को मनुष्य कहा जाता है। मनुष्य में संवेदना होती है, लेकिन पशुओं में संवेदना नहीं होती है। मनुष्य ने अगर अपनी संवेदना का रास्ता अख्तियार किया तो वह नर से नारायण बन सकता है।
डॉ. भागवत ने विज्ञान भवन में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अगर अपने परिवार को हमने ठीक से संभाल लिया तो देश की कोई भी पीढ़ी कभी भी भटक नहीं सकती।
उन्होंने युवाओं के संदर्भ में कहा कि आज की युवा पीढ़ी में इतना बल है कि वो अपना रास्ता स्वयं ढूंढ लेगी। कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, संत ईश्वर सम्मान समिति के चेयरमैन एवं विश्व हिंदू परिषद दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष कपिल खन्ना और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम का आयोजन संत ईश्वर फाउंडेशन और सेवा भारती के तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम में स्मारिका “सेवार्चन” का विमोचन भी किया गया।
इस दौरान सरसंघचालक डॉ. भागवत ने जनजातीय, ग्रामीण और महिला एवं बाल विकास आदि क्षेत्रों में असाधारण कार्य करने वाले प्रमुख लोगों को सम्मानित किया।
डॉ. भागवत ने जिन लोगों को सम्मानित किया उनमें प्रमुख रूप से पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर के 92 वर्षीय सुकुमार राय चौधरी, कर्नाटक के शांताराम, मेघालय के अर्णब हजोंग, झारखंड की राजधानी रांची के निवासी मेधा ओरांव, महाराष्ट्र के अमरावती जिले की रहने वाली डॉ. निरुपमा देशपांडे, हरियाणा के धर्मवीर चहल, कर्नाटक के मैसूरू निवासी एपी चंद्रशेख शामिल हैं।
दक्षिण दिनाजपुर के निवासी सुकुमार राय चौधरी पिछड़े वर्गों की सेवा में निरंतर जुटे हुए हैं। कर्नाटक के शांताराम ने वर्ष 1988 में बिना किसी के सहयोग से वनवासी कल्याण हॉस्टल शुरू किया।
वहीं, हरियाणा के रहने वाले धर्मवीर चहल ने गायों की नस्ल सुधारने और जैविक खेती के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह कार्यक्रम ऐसे लोगों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया है, जो बिना किसी अपेक्षा के समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्य में लगे हुए हैं।
पूरे देश में ऐसे लोग कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं की प्रेरणा से विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्य करने वाले लोग ही सही मायने में भारत माता के असली संतान हैं।
उल्लेखनीय है कि संत ईश्वर फाउंडेशन के पुरस्कारों की चयन समिति में प्रमुख रूप से सिक्किम हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, वरिष्ठ पत्रकार एवं हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक रामबहादुर राय, वरिष्ठ पत्रकार जवाहरलाल कौल और स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक एस. गुरुमूर्ति शामिल हैं।