नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ओला, उबर, स्विगी, जोमेटो जैसी ऐप आधारित सेवाओं के लिए काम करने वालों को श्रमिक के रूप में पंजीकृत करने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ देने की मांग पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार और संबंधित कंपनियों को इस बारे में नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई अगले साल जनवरी में होगी।
याचिका द इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (आईएफएटी) ने दायर की है।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने उबर, ओला, स्विगी, जोमैटो कर्मचारियों (गिग वर्कर्स) के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ की मांग की।
याचिका में मांग की गयी है कि इन ऐप कंपनियों के लिए काम करनेवाले डिलीवरी ब्वॉयज् को श्रमिक की परिभाषा के दायरे में लाया जाए ताकि उन्हें सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल सके।
कोर्ट ने कहा कि नए सामाजिक सुरक्षा कोड 2020 में गिग वर्कर्स के कल्याण का प्रावधान है। याचिका में गिग वर्कर्स को पहले के कानून के तहत असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की तरह सुविधाएं देने की मांग की गयी है। इस पर कोर्ट ने केंद्र और ऐप कंपनियों को नोटिस जारी किया।