नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा पुलिस की ओर से पत्रकार समिउल्लाह शब्बीर खान को राज्य में हुई हिंसा को लेकर किए ट्वीट पर दी गई नोटिस पर फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोगों को प्रताड़ित करना बंद करें।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर प्रताड़ित करना बंद नहीं करेंगे तो सुनवाई के अगले दिन हम राज्य के मुख्य सचिव को तलब करेंगे।
सुनवाई के दौरान पत्रकार समिउल्लाह शब्बीर खान की ओर से वकील शाहरुख आलम ने कहा कि त्रिपुरा पुलिस ने पत्रकार को आज पेश होने के लिए बुलाया था।
तब कोर्ट ने कहा कि हमने तो निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाई थी। हम वही आदेश फिर दोहरा रहे हैं।
इस पर त्रिपुरा सरकार ने कहा कि कृपया आदेश को दो हफ्ते तक रोकें। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि जब हम आज नोटिस जारी कर रहे हैं तो आदेश रोकने से आपका क्या मतलब है।
तब त्रिपुरा सरकार के वकील ने कहा कि कृपया सुनवाई टाल दें। तब कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को 10 जनवरी को ही सुरक्षा मिली हुई है कि उनके खिलाफ कोई निरोधात्मक कार्रवाई नहीं होगी। याचिकाकर्ता को उनकी मां के नाम पर प्रताड़ित नहीं किया जाए।
सुनवाई के दौरान शाहरुख आलम ने कहा कि त्रिपुरा पुलिस ने आज पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था। ये एक दंड की तरह है।
तब सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार के वकील से कहा कि आप अपने अधिकारियों से कहें कि वे याचिकाकर्ता को इस तरह प्रताड़ित नहीं करें।
हर व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकता है। जस्टिस सूर्यकांत ने त्रिपुरा सरकार के वकील से कहा कि आप ये मत कहिए कि आपको सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं मिला है।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब हमने आदेश पारित कर दिया है तो आपकी हिम्मत कैसे हुई कि इसे लागू नहीं करें।
हम आपके गृह सचिव और दूसरे अधिकारियों से कहेंगे कि वे सुनवाई के अगले दिन पेश हों। कम से कम हमारे आदेश का तो सम्मान होना चाहिए।
इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि हम कोर्ट को ये आश्वस्त करना चाहते हैं कि कोर्ट के आदेश का पूरी तरह पालन किया जाएगा। तब जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि तब ठीक है।