नई दिल्ली: धर्म परिवर्तन के मकसद से शादी पर अंकुश लगाने वाले गुजरात सरकार के कानून पर लगी अंतरिम रोक फिलहाल जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट की तरफ से लगाई गई रोक को हटाने की गुजरात सरकार की मांग पर आज कोई आदेश नहीं दिया। इस मामले पर छह हफ्ते के बाद सुनवाई होगी।
धर्मांतरण को रोकने के लिए गुजरात में 2003 से कानून है। इस कानून में अप्रैल 2021 में गुजरात सरकार ने संशोधन किया। ये कानून जून 2021 से लागू हो गया है।
इस कानून के तहत किसी दूसरे धर्म की लड़की को बहला-फुसलाकर, धोखा देकर या लालच देकर शादी करने के बाद उसका धर्म परिवर्तन करवाने पर पांच साल की कैद और दो लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
अगर लड़की नाबालिग है तो सात साल की कैद और तीन लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने इस कानून को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। गुजरात हाई कोर्ट ने 19 अगस्त, 2021 को आदेश दिया कि एफआईआर तब तक दर्ज नहीं की जा सकती, जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि शादी जोर-जबरदस्ती से या लालच में फंसाकर की गई है।
गुजरात हाई कोर्ट ने इस कानून की धारा 3,4, 4ए, 4बी, 4सी, 5 और 6ए पर रोक लगा दी थी।