नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को दिल्ली में सीजीएचएस मुख्यालय में मुफ्त डॉक्टरी परामर्श सेवाएं प्रदान करने वाली ‘ई- संजीवनी’ हब का दौरा किया और यहां प्रदान की जा रही सेवाओं की समीक्षा की।
उन्होंने टेली कंसल्टेशन देने वाले डॉक्टरों के साथ बातचीत भी की।
‘ई- संजीवनी’ हब के दौरे के बाद डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि कोरोना काल में टेली-मेडिसिन सेवाएं बहुत उपयोगी साबित हुई हैं।
इस ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल टेली कंसल्टेशन के लिए किया जाता है। लाखों लोग हर दिन डॉक्टरों की सलाह लेने के लिए इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, विशेषज्ञों की सलाह के लिए किसी भी मरीज या बुजुर्गों को यात्रा करने की जरूरत नहीं पड़ती है इसके लिए लोग फोन पर ही विशेषज्ञों से बातचीत कर सलाह ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं लोगों से कोविड-19 महामारी के दौरान इन डिजिटल प्लेटफॉर्म का अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह करता हूं जो उन्हें अपने घरों में आराम से स्वास्थ्य पेशेवरों से तत्काल परामर्श प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। यह देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है।
क्या है ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म
ई-संजीवनी केंद्र सरकार का एक प्रमुख टेली मेडिसिन प्लेटफॉर्म है। इसका लाभ उठाते हुए कोई भी भारतीय नागरिक फोन के जरिए मुफ्त में डॉक्टरी परामर्श ले सकता है।
कोरोना काल में डॉक्टरों की कोविड वार्ड में ड्यूटी लगने के बाद भी इस प्लेटफॉर्म से सेना के पूर्व डॉक्टर भी जुड़े और मरीजों को मदद देने के लिए सामने आए हैं।
ई-संजीवनी टेली मेडिसिन का लाभ उठाने के लिए संजीवनी ऐप को मोबाइल पर इस्टॉल करना होता है।
इसमें तीन विकल्प दिए गए हैं जिसमें पहला मरीज का रजिस्ट्रेशन और टोकन, दूसरा मरीज का लॉग इन और तीसरा प्रिस्क्रिप्शन। इस तरह इसे ऐप के जरिए डॉक्टर से जुड़ सकते हैं।