नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को सीमित दायरे में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि व्यापक दृष्टि रखते हुए प्रयास होना चाहिए कि देश का धन देश के काम आये।
विशेष रूप से इसे पर्यटन से जोड़ते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार देश के पर्यटन स्थलों का विकास कर रही है ताकि लोगों को घूमने के लिए देश में ही अधिक विकल्प उपलब्ध हों।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के सोमनाथ में 30 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित नए सर्किट हाउस का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बड़ा योगदान रहता है।
हमारे देश के प्रत्येक राज्य और क्षेत्र में पर्यटन की अनंत संभावनाएं हैं और पिछले 7 सालों में इन्हीं संभावनाओं को साकार करने के लिए काम किया गया है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन केन्द्रों का विकास आज केवल सरकारी योजना का हिस्सा भर नहीं है, बल्कि जनभागीदारी का एक अभियान है।
देश के ऐतिहासिक स्थलों और सांस्कृतिक विरासतों का विकास इसका बड़ा उदाहरण है। ‘अतुल्य भारत’ और ‘देखो अपना देश’ जैसी पहल पर्यटन के क्षेत्र में अनंत संभावनाएं खोल रही हैं।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि विदेश यात्रा के बारे में सोचने से पहले अपने देश की यात्रा करें और अपनी जड़ों खोजें।
उन्होंने कहा कि धार्मिक या विरासत स्थलों का विकास वहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में गुजरात सरकार और सोमनाथ ट्रस्ट को बधाई देते हुये कहा कि सर्किट भवन को इस तरह बनाया गया है कि यहां रुकने वाले व्यक्तियों को ‘सी व्यू’ (समुद्री नजरा) भी मिले।
लोग भवन के कमरों में बैठकर शांति से समुद्र की लहरों और सोमनाथ का शिखर देख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों में सोमनाथ मंदिर को तबाह किया गया और फिर जिन परिस्थितियों में सरदार पटेल के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ, वो दोनों ही हमारे लिए एक बड़ा संदेश हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन के विकास के लिए स्वच्छता, सुविधाएं, पर्यटकों के समय का सम्मान और आधुनिक मानसिकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज देश पर्यटन को समग्र रूप में, समग्र तरीके में देख रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन बढ़ाने के लिए स्वच्छता के बाद दूसरा अहम तत्व है सुविधा और इन सुविधाओं का दायरा केवल पर्यटन स्थल तक ही सीमित नहीं होना चाहिए।
सुविधा परिवहन की, इंटरनेट की, सही जानकारी की, मेडिकल व्यवस्था की, हर तरह की होनी चाहिए। और इस दिशा में भी देश में चौतरफा काम हो रहा है।
पर्यटन बढ़ाने का तीसरा महत्वपूर्ण पहलू है समय। आजकल ट्वेन्टी-ट्वेन्टी का दौर है। लोग कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा स्थान कवर करना चाहते हैं।
पर्यटन बढ़ाने के लिए चौथी और बहुत महत्वपूर्ण बात है – हमारी सोच। हमारी सोच का अभिनव और आधुनिक होना जरूरी है। लेकिन साथ ही साथ हमें अपनी प्राचीन विरासत पर कितना गर्व है, ये बहुत मायने रखता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद दिल्ली में कुछ गिने-चुने परिवारों के लिए ही नव-निर्माण हुआ।
लेकिन आज देश उस संकीर्ण सोच को पीछे छोड़कर, नए गौरव स्थलों का निर्माण कर रहा है, उन्हें भव्यता दे रहा है। ये हमारी ही सरकार है जिसने दिल्ली में बाबा साहेब मेमोरियल का निर्माण किया।
उन्होंने कहा कि ये हमारी ही सरकार है जिसने रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक को बनवाया।
इसी तरह नेताजी सुभाषचंद्र बोस और श्यामजी कृष्ण वर्मा से जुड़े स्थानों को भव्यता दी गई है। हमारे आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास को सामने लाने के लिए देशभर में आदिवासी म्यूजियम भी बनाए जा रहे हैं।