नई दिल्ली : अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर हो रही चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि देश में सबसे ज्यादा धार्मिक और नस्लीय दंगे पूर्व PM जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru), इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के कार्यकाल में हुए।
उन्होंने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर मणिपुर में जाकर राजनीति करने का भी आरोप लगाया। अमित शाह ने मणिपुर में नस्लीय हिंसा के इतिहास का जिक्र करते हुए यह आरोप लगाया कि 1993 और 1997 में मणिपुर में इससे भी भयानक हिंसा हुई थी।
विपक्ष कर रहे PM के जवाब की मांग
लेकिन, उस समय एक बार सदन में इस पर चर्चा भी नहीं हुई और एक बार चर्चा हुई तो जवाब गृह राज्य मंत्री की तरफ से दिया गया। लेकिन, आज विपक्ष PM के जवाब की मांग कर सदन को कई दिनों से चलने नहीं दे रहा है।
अमित शाह ने मणिपुर (Manipur) के वीडियो को समाज के नाम पर एक धब्बा बताते हुए कहा कि कोई भी इसका समर्थन नहीं कर सकता, वह खुद भी इससे दुखी हैं, लेकिन यह सवाल जरूर उठता है कि 4 मई की घटना का वीडियो अगर पहले से किसी के पास था तो उसने राज्य के DGP को क्यों नहीं दिया ?
मणिपुर में हुई कई हिंसा
मणिपुर की पुलिस को क्यों नहीं दिया और संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) के शुरू होने से एक दिन पहले इसे क्यों रिलीज किया गया ?
अमित शाह ने मणिपुर में हुई कई हिंसा का जिक्र करते हुए यह भी बताया कि मणिपुर के इतिहास में सबसे ज्यादा तेजी से इस बार सरकार ने काम किया।
वीडियो आते ही जिम्मेदार लोगों को अरेस्ट कर लिया गया और अब CBI जांच जारी है।
शाह तीन दिन तीन रात मणिपुर में रहे
उन्होंने कहा कि वह स्वयं तीन दिन तीन रात मणिपुर में रहे। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय 23 दिन तक मणिपुर (Manipur) में रहें। वह दोनों समुदायों से बातचीत कर राज्य में लगातार शांति बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं।
अमित शाह ने दोनों समुदायों से बातचीत और राज्य में शांति स्थापित करने की अपील करते हुए सदन में कहा कि वह दोनों समुदायों से निवेदन करते हैं कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, आइए भारत सरकार से बातचीत कीजिए। भारत सरकार का राज्य की डेमोग्राफी (Demography) बदलने का कोई इरादा नहीं है। अफवाह पर भरोसा नहीं करें। संवेदना के साथ बातचीत कर राज्य में शांति स्थापित करने में सहयोग करें।
इसके साथ ही उन्होंने विरोधी दलों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस संवेदनशील घटना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मणिपुर में शांति स्थापित करने की अपील
अमित शाह के आग्रह पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदन में लोकसभा की तरफ से मणिपुर में शांति की अपील करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया।
हालांकि, इससे पहले Congress के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह कहते हुए प्रस्ताव का विरोध किया कि यह प्रस्ताव सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पास होना चाहिए।
सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने खड़े होकर कांग्रेस सांसदों के हंगामे के बीच कहा कि आज मणिपुर पर गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दे दिया है और कल अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर चर्चा का जवाब देते हुए PM नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी अपनी बात रखेंगे।
उन्होंने भी सदन से मणिपुर में शांति स्थापित करने की अपील का प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया।