नई दिल्ली: जिस पुलवामा आतंकी हमले से पूरा देश सहम उठा था, उसका मुख्य साजिशकर्ता समीर डार अभी मरा नहीं है।
2019 के पुलवामा आतंकी हमले के आरोपियों में से एक आतंकी समीर अहमद डार जिंदा है और घाटी में आतंकी संगठन की गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।
भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के लोगों ने इस बात की जानकारी दी है।
इससे पहले माना जाता रहा है कि आतंकी समीर अहमद डार जैश-ए-मोहम्मद कमांडर मोहम्मद इस्माइल अल्वी उर्फ लम्बू के साथ 31 जुलाई को मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के लोगों ने यह सामने आया है कि जुलाई के ऑपरेशन में आतंकी लम्बू (जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर का एक रिश्तेदार) के साथ मारा गया दूसरा आतंकवादी समीर अहमद डार नहीं बल्कि एक पाकिस्तानी नागरिक था, जिसकी पहचान होनी बाकी है।
गौरतलब है कि जुलाई महीने में पुलवामा के नागबेरन-तरसर वन क्षेत्र में मेजर जनरल रशीम बाली के नेतृत्व में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में आतंकी लंबू मारा गया था।
दौरान यह भी बताया गया था कि आतंकी समीर डारा भी मारा गया।
मगर अब जो लेटेस्ट सूचना सामने आई है, उसके मुताबिक अहमद डार अभी भी जिंदा है और घाटी में बैठकर आतंक को बढ़ावा दे रहा है।
सुरक्षा इनपुट के मुताबिक, सुरक्षाबलों के हाथों एनकाउंटर में मारा गया आतंकी लंबू पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला था और 14 फरवरी, 2019 के पुलवामा हमले के मुख्य अपराधियों में से एक था।
बता दें कि बहावलपुर में ही जैश का सरगना मसूद अजहर हाई सिक्योरिटी में रहता है और जैश का मुख्य संचालन इसी जगह से होता है।
एनकाउंटर के दौरान मारे गए दूसरे आतंकवादी की पहचान पुलवामा के एक स्थानीय आतंकी 22 वर्षीय समीर डार के रूप में हुई थी, जो 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था।
हालांकि, जब सुरक्षा एजेंसियों ने बाद में उसका शव परिवार को दिखाया, तो यह पुष्टि हुई कि मारा गया दूसरा आतंकवादी डार नहीं था।
अधिकारियों ने कहा कि शव की करीब से जांच करने पर उसकी तस्वीरें भी शरीर से मैच करती नहीं दिखीं।