केरल में COVID-19 के नए वैरिएंट की दस्तक, पहले वैरिएंट से काफी अलग…

बता दें कि केरल में कोविड-19 के एक सब-वैरिएंट JN.1 का पहला मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। अब कोविड के नए वैरिएंट पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने प्रतिक्रिया दी है

News Aroma Media

New Variant of Covid in Kerala: COVID-19 ने दुनिया भर में खूब तबाही मचाई थी। जिसके बाद धीरे धीरे इसकी शान कमने लगी। लेकिन लगता है ये लौट कर फिर वापस आया है।

बता दें कि केरल में COVID-19 के एक सब-वैरिएंट JN.1 का पहला मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। अब Covid के नए वैरिएंट पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Veena George) ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि लोगों को परेशान होने की नहीं सतर्क होने की जरूरत है, हमें स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

केरल में COVID-19 के नए वैरिएंट की दस्तक, पहले वैरिएंट से काफी अलग... -The arrival of a new variant of COVID-19 in Kerala, which is quite different from the first variant...

चिंता की कोई बात नहीं

Health Minister का कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है। वह एक सब-वैरिएंट है। इसका अब पता चल गया है। दो-तीन महीने पहले सिंगापुर हवाई अड्डे पर जब भारतीयों का परीक्षण किया गया तो उनमें भी इस वैरिएंट के होने की पुष्टि हुई थी। यह वैरिएंट केरल (Variant Kerala) ही नहीं भारत के अन्य इलाकों में भी मौजूद है।

थोड़ा ध्यान रखने की जरूरत है

उन्होंने आगे कहा कि केरल ने इसका पता लगा लिया है, क्योंकि केरल की स्वास्थ्य व्यवस्था अच्छी है, हम जीनोमिक अनुक्रमण (Genomic Sequencing) के माध्यम से इसका पता लगा सकते हैं।

चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। हम स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए हैं, लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए और जिन लोगों को पहले की गंभीर बीमारियां हैं, उन्हें थोड़ा ध्यान रखने की जरूरत है।

इस वैरिएंट का पता भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की चल रही नियमित निगरानी गतिविधि के हिस्से के रूप में लगाया गया था।

पहला COVID-19 सब-वेरिएंट जेएन का मामला (Case of Sub-Variant JN) तिरुवनंतपुरम जिले के करकुलम में 79 वर्षीय महिला का 18 नवंबर को RT-PCR टेस्ट पॉजिटिव मिला था। महिला में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) के हल्के लक्षण थे और वह तब से कोविड-19 से उबर चुकी है।

केरल में COVID-19 के नए वैरिएंट की दस्तक, पहले वैरिएंट से काफी अलग... -The arrival of a new variant of COVID-19 in Kerala, which is quite different from the first variant...

पहले वैरिएंट से है काफी अलग

जानकारों का कहना है कि कोविड-19 का ये JN.1 नया वैरिएंट एक गंभीर रूप से प्रतिरक्षा-रोधी और तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है जो कि एक्सबीबी और इस वायरस के पहले के सभी वैरिएंट से बिल्कुल अलग है। ये वैरिएंट उनके लोगों को भी अपना शिकार बना रहा है जो पहले कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं।

जानकार क्या कहते हैं

सात महीने के अंतराल के बाद भारत में Covid मामले फिर से बढ़ रहे हैं। हमने लगभग एक महीने पहले Covid के उछाल के शुरुआती मामलों की सूचना दी थी। इसकी गंभीरता पिछली लहरों से अलग नहीं लगती।

अधिकांश मामले इतने हल्के होते हैं कि रोगी को अस्पताल से बाहर रहना पड़ता है, लेकिन वृद्ध व्यक्तियों सहित कमजोर लोग बीमार हो गए हैं और कुछ को आईसीयू में भर्ती रहने की जरूरत होती है।

संक्रमण की वर्तमान लहर से जीनोमिक अनुक्रमण डेटा (Genomic Sequencing Data) अभी तक भारत में बड़ी संख्या में उपलब्ध नहीं है। यह सच है कि JN.1 का एक मामला केरल से पाया गया था, भारत के कई राज्यों के कई टेस्टों की रिपोर्ट आना बाकी है। JN.1 दुनिया के अधिकांश अन्य हिस्सों में तेजी से बढ़ रहा है, यह काफी संभव है कि भारत में भी मामला वैसा ही होंगे।

JN.1 की खासियत यह है कि ये वैरिएंट पिछले सभी वैरिएंटों से काफी अलग है। इसी वजह से ये वैरिएंट टीकाकरण या बूस्टर डोज (Variant Vaccination or Booster Dose) के बाद भी Anti Body  को मात दे रहा है।

इसे साफ है कि लोगों को इस बात से संतुष्ट नहीं होना चाहिए कि उन्हें पहले भी Covid हुआ था और दोबारा नहीं होगा। पहले से गंभीर बीमारी से ग्रस्ति व्यक्तियों को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए, क्योंकि वे कोविड के दौरान या उसके बाद कई कारणों से अस्थिर हो सकते हैं।

केरल में COVID-19 के नए वैरिएंट की दस्तक, पहले वैरिएंट से काफी अलग... -The arrival of a new variant of COVID-19 in Kerala, which is quite different from the first variant...

केरल सरकार ने आपात बैठक बुलाई

बता दें कि केरल में COVID का नया वैरिएंट सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने Alert जारी कर इमरजेंसी बैठक बुलाई थी, जिसमें अधिकारी को मास्क, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाओं और अन्य जरूरी चीजों के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए ताकि किसी भी आपात स्थिति में ये सुनिश्चित किया जा सके कि स्वास्थ्य सेवा (Health care) में कोई कमी न हो। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि स्थिति में सुधार नहीं होता है तो राज्य से लगने वाली सीमाओं को बंद कर दिया जाएगा।