रांची: झारखंड में किशोरों के पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य में रांची समेत 12 जिले राज्य औसत से पीछे चल रहे हैं। हालांकि, नवीनतम एचएमआइएस डेटा के अनुसार झारखंड में पूर्ण टीकाकरण का कवरेज 86 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान झारखंड के निदेशक रमेश घोलप ने इन जिलों के टीकाकरण पदाधिकारियों एवं अन्य पदाधिकारियों को समय पर लक्ष्य प्राप्त करने के सख्त निर्देश दिए।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि लक्ष्य प्राप्त नहीं करने वाले जिलों के पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।अभियान निदेशक ने कहा कि किशोरों के 90 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हर हाल में पूरा करना है।
हालांकि, कोविड महामारी ने हमारी आउटरीच टीकाकरण प्रणाली को प्रभावित किया लेकिन झारखंड ने महामारी से पहले नियमित टीकाकरण सेवाओं के अपने लक्ष्य को पूरा किया है।
भारत सरकार द्वारा जारी एनएफएचएस-पांच (वर्ष 2020-2021) की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कवरेज 61.9 प्रतिशत से बढ़कर 73.9 प्रतिशत हो गया है।
अभियान निदेशक ने कहा कि किशोरों के पूर्ण टीकाकरण कवरेज में सुधार करने के लिए छूटे हुए किशोरों तथा ड्राप आउट बच्चों, शहरी झुग्गी बस्तियों में रहने वाले किशोरों की पहचान कर उनका टीकाकरण करना जरूरी है।
सहिया को प्रोत्साहन राशि का भुगतान समय पर करने के निर्देश
उन्होंने सहिया को प्रोत्साहन राशि का भुगतान समय पर करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें कोताही बरतने पर संबंधित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
अभियान निदेशक ने कहा कि पूर्ण टीकाकरण कवरेज के अलावा हमें 24 माह तक के बच्चों के विभिन्न एंटीजन के पूर्ण टीकाकरण (बूस्टर खुराक के साथ) पर ध्यान देना होगा।
बीसीजी से पेंटावैलेंट-तीन एवं पेंटावैलेंट-तीन से खसरा और रूबेला के ड्राप आउट बच्चों की पहचान कर उनका टीकाकरण किया जाना चाहिए।
पल्स पोलियो अभियान 27 से
उन्होंने कहा कि पोलियो राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 27 फरवरी से एक मार्च तक निर्धारित है। उन्होंने सभी जिलों को सौ प्रतिशत पल्स पोलियो का कवरेज प्राप्त करने के सख्त निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि इस साल मिशन इंद्रधनुष-4 का आयोजन तीन चरणों में किया जाएगा। पहला दौर सात मार्च, दूसरा चार अप्रैल तथा तीसरा दौर चार मई को किया जाएगा। उन्होंने मिशन इंद्रधनुष के तहत सभी योग्य बच्चों का पता लगाने की रणनीति पर काम करने और टीकाकरण कराने के निर्देश दिए।
इन जिलों का कवरेज राज्य औसत से कम, आंकड़े प्रतिशत में
साहिबगंज (70), जामताड़ा (70), रामगढ़ (77), गढ़वा (78), गुमला (80), सरायकेला (80), पाकुड़ (81), कोडरमा (83), रांची (83), सिमडेगा (84), पलामू (85) तथा चतरा (85)।