हजारीबाग: आरटीआई के तहत सूचना देने में आनाकानी राजस्व की क्षति करने और धोखाधड़ी के मामले में चार अधिकारियों के विरुद्ध हजारीबाग सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इसको लेकर बताया गया कि यह अपने तरह का राज्य का पहला मामला है जिसमें किसी अधिकारी के विरुद्ध आरटीआई के तहत इस तरह की प्राथमिकी दर्ज की गई हो।
आरटीआई कार्यकर्ता राजेश मिश्रा के आवेदन पर सीजेएम कोर्ट के आदेश से अपर समाहर्ता राकेश रोशन, संयुक्त सचिव कृषि रंजीत लाल, पूर्व रजिस्ट्रार वैभव मणी त्रिपाठी तथा निवर्तमान रजिस्ट्रार सदर अनुमंडल रुपेश सिन्हा के खिलाफ सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मालूम मो कि सीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
क्या है मामला
यह मामला हजारीबाग जिला अवर निबंधन कार्यालय में राजेश मिश्रा की ओर से मांगी गयी एक सूचना से जुड़ा है। सूचना मांगने से नाराज अधिकारियों पर साजिश रचने का आरोप लगा है।
आरोप है कि राजेश मिश्रा की बाइक की डिक्की में अफीम रखकर उन्हें फंसाया गया। लोहसिघना थाना के माध्यम से गिरफ्तारी करवाई गई थी।
बाद में एसपी कार्तिक एस के जांच में हजारीबाग डिस्ट्रिक्ट मोड़ के पास से अफीम और ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किए गए आरटीआई कार्यकर्ता राजेश मिश्रा पुलिस की जांच में निर्दोष निकले थे।
एसपी ने बताया था कि उनके विरुद्ध रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मी और भू माफियाओं ने साजिश रची थी। उनकी डिक्की में पुराना डीसी कार्यालय के सामने भू माफियाओं ने अफीम डाल कर लोहसिंघना पुलिस को सूचना दी थी। यह घटना पिछले साल तीन फरवरी को घटी थी ।