खूंटी: खूंटी में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले करीब 1321 जोड़ों ने एक साथ शादी रचाई।
इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन रविवार को खूंटी स्टेडियम में जिला प्रशासन और गैर सरकारी संस्था निमित्त ने मिलकर किया।
जिले के बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में पारंपरिक रूप से इन जोड़ों की शादी कराई गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस ने ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में अनुकरणीय प्रयास है।
उन्होंने कहा कि झारखंड के गांव में ऐसे हजारों जुड़े रहते हैं, जिनकी औपचारिक रूप से विवाह नहीं हुई है।
ऐसे परिवारों के लिए यह कार्यक्रम उम्मीदों को जागृत करता है, जो बिना विवाह के अनिश्चितता और असुरक्षा भरे अंधेरे में जीवन जीने को विवश थे।
उन्होंने बताया कि निमित्त और उसके सहयोगियों की पहल ने उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन के साथ-साथ नई दिशा भी मिली है।
उन्होंने कहा कि हमें आशा है कि ऐसे कार्यक्रम और भी लोगों को प्रेरित करेंगे। आयोजन के लिए उन्होंने जिला प्रशासन व निमित्त संस्था की सराहना की गयी।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह की कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने में मदद मिलेगी। सामाजिक असुरक्षा के कारण सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में भी कई अड़चनें आती थीं।
बगैर सामाजिक धार्मिक रीति रिवाज के लिव-इन में रहने वाले परिवारों को गांव में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता था।
ऐसे में असुरक्षा की भावना में महिलाओं को मानसिक तनाव के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में जागरूकता के लिए हर स्तर पर सम्भव प्रयास किये जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य वैसे जोड़ों के जीवन में नई दिशा मिलेगी, जो खराब आर्थिक स्थिति एवं कई अन्य वजहों से शादी नहीं कर पाते।
वहीं कहीं जोड़ों के लिए आयोजन का खर्च उठाना भी संभव नहीं होता। समाज की इन कुरीतियों की वजह से इन जोड़ों को बिना शादी किए साथ रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
दांपत्य संबंध से समाज में मान्यता नहीं मिल पाती, जिससे जीवन भर इन जोड़ों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसका सबसे बड़ा नुकसान गांव की महिलाओं एवं बच्चों को उठाना पड़ रहा है। साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं से भी वह वंचित रह जाते हैं।
इस सामाजिक कुप्रथा के कारण पुरुष की मृत्यु पर जमीन व संपत्ति महिला एवं बच्चों को नहीं मिल पाती तथा बच्चों के कान छेदने की मनाही होती है और महिलाओं की असामयिक मृत्यु पर उन्हें सामूहिक कब्रगाह में अंतिम क्रिया कर्म का अधिकार भी नहीं दिया जाता।
आने वाली पीढ़ी भी इन परिवारों की शादी से वंचित रह जाती है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा इन्हें सभी प्रकार के सहयोग उपलब्ध कराए जा सके।
मौके पर उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि इन नवविवाहित जोड़ों को जिला प्रशासन की ओर से सभी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास है।
साथ ही इनका विवाह निबंधन भी सुनिश्चित कराया जाएगा। जोड़ों को आने वाले दिनों में रजिस्टर्ड विवाह प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया जाएगा।
मौके पर निमित्त संस्था की सचिव निकिता सिन्हा ने बताया कि इस विवाह समारोह का आयोजन सामाजिक उद्देश्यों के साथ किया गया है।
उन्होंने कहा, झारखंड के सुदूर गांव के ढुकु जोड़े लिव इन रिलेशन में रहने को मजबूर हैं और अपने समाज से दूर रहकर कई तरह की परेशानियों को झेल रहे हैं.।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जैसे कार्यक्रमों का भी इन्हें लाभ नहीं मिल पाता। मौके पर ग्रामीण विकास विभाग सचिव एन.एन सिन्हा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
निमित्त द्वारा बीते वर्षों से ऐसे जोड़ों को सामाजिक और कानूनी मान्यता दिलाने के लिए सामूहिक शादी कराई जा रही है। शादी समारोह में नए जोड़ों को कपड़े, बर्तन और अन्य उपहार भी दिए गए।