पाकुड़: 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता और नियोजन नीति लागू करने की मांग को आदिवासी छात्र संघ ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय में आक्रोश रैली निकाली।
इसमें बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं ने भाग लिया। रैली का नेतृत्व के के एम काॅलेज के छात्र नायक प्रवीण मरांडी तथा छात्रा नायिका जोबा मरांडी ने किया।
स्थानीय रानी ज्योतिर्मयी देवी स्टेडियम से निकली रैली पाकुड़ दुमका मुख्य मार्ग से होकर सिदो कान्हू मुरमू पार्क में जाकर आम सभा में तब्दील हो गई।
इस दौरान रैली में शामिल छात्र छात्राओं ने अपनी मांगों के समर्थन में तथा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व उनकी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
फिर एक शिष्टमंडल ने डी सी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। जिसमें छात्र नायक नायिका के अलावा बिहारी हांसदा, मार्क बास्की, साइमन मुरमू, कमल मुरमू, जीतराम मुरमू, धोन किस्कू,सरिता व अनिता मरांडी तथा बीटी मुरमू शामिल थीं।
मौके पर छात्र नायक प्रवीण मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन व उनकी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में झारखंडियों की पहचान बरकरार रखने के लिए 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता व नियोजन नीति बनाने की बात कही थी।
लेकिन सरकार का आधा कार्यकाल बीतने के बावजूद इस दिशा में कोई पहल नहीं की है।
उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों को यहां के आदिवासियों व मूलवासियों के शत प्रतिशत आरक्षित करे,एस पी टी तथा सी एन टी एक्ट को सख्ती से लागू करे, आरक्षण अधिनियम के अनुरूप झारखंड संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2021 के प्रशाखा पदाधिकारी के पद 48 को बढ़ा कर 100 करे तथा 1932 के खतियान के आधार पर नीजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण की सीमा 75 फीसदी करे।