रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (झारखंड एसएससी) की मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट स्तर की प्रतियोगिता परीक्षाओं में जिला-स्तरीय पदों के लिए क्षेत्रीय/जनजातीय भाषाओं की नयी सूची में भोजपुरी को सिर्फ पलामू और गढ़वा में क्षेत्रीय भाषा का स्थान दिया गया है।
झारखंड सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी नयी अधिसूचना में कहा गया है कि पिछले वर्ष 24 दिसंबर को इस निमित्त जारी अधिसूचना को समाप्त करते हुए सम्यक् विचार विमर्श के बाद नयी अधिसूचना जारी की जा रही है और इसमें राज्य सरकार ने पलामू और गढ़वा में ही भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा का दर्जा दिया है।
हालांकि पहले उसने बोकारो तथा धनबाद में भी भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा का दर्जा दिया था।
राज्य सरकार की नयी अधिसूचना में भोजपुरी के साथ मगही को भी पलामू एवं गढ़वा में क्षेत्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा मगही को लातेहार एवं चतरा में भी क्षेत्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है।
इसी प्रकार अंगिका को नयी सूची में दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज और पाकुड़ में क्षेत्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। शेष सूची पूर्ववत् रखी गयी है।
इससे पूर्व शुक्रवार को इस मुद्दे पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला था और उनके समक्ष इस मामले में अपना पक्ष रखा था।