रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र के नौवें दिन गुरुवार को भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से सहारा परिवार में राज्य के लोगों का पैसा फंसा होने का मामला उठाया।
उन्होंने कहा कि सहारा परिवार में झारखंड के तीन लाख लोगों का लगभग 2500 करोड़ रुपया फंसा हुआ है। यह पैसा गरीबों का है जो अपने दैनिक कमाई से दस रुपया 20 रुपया कर जमा किये हैं।
मेरे पास कई लोग आते हैं और बताते हैं कि किस तरह उन्होंने अपना पेट काटकर सहारा में इस आशा के साथ पैसा जमा किया है कि भविष्य में उन्हें काम आएगा लेकिन सहारा परिवार द्वारा पैसा वापस नहीं किया जा रहा है।
यह मामला सिर्फ हटिया विधानसभा का नहीं है पूरे झारखंड का है।
इसके जवाब में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि अब यह मामला सेबी और सुप्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेबी में सहारा का 34 हजार करोड़ जमा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बांड धारकों को राशि वापस की जाएगी। इस बीच सेबी से राज्य सरकार ने तीन बार पत्राचार किया है। वहां से जवाब मिला है कि अब तक 17526 लोगों का लगभग 138 करोड़ रुपये की वापसी हुई है।
जायसवाल ने कहा कि सरकार इसके लिए एक हेल्पलाइन जारी करे।
दूसरी ओर कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने सदन में कहा कि एनएचएआई कांची सिंचाई परियोजना का अतिक्रमण कर रहा है। एनएचएआई कोर्ट के जजमेंट और सीएम कार्यालय के आदेश को भी नहीं मान रहा है। यह परियोजना 1955-56 की है।
इससे 14 गांव की एक लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है। एनएचएआई ने सिंचाई परियोजना क्षेत्र की जमीन पर अतिक्रमण किया है। मामला हाईकोर्ट में भी है।
विधायक ने कहा कि वहां नेशनल हाईवे छह लेन अप्रूव्ड है। चार लेन में ही सड़क कैनाल के किनारे तक पहुंच गया है। छह लेन बनते-बनते तो सड़क कैनाल पर ही चढ़ जाएगा।
नहर को शिफ्ट नहीं किया जा सकता, लेकिन सड़क का एलाइनमेंट चेंज कर सकते हैं। नहर बचाने के लिए आगे आए लोगों को भी प्रताड़ित किया जा रहा है।
एनएचआई को सड़क को बाईं ओर शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया था लेकिन वह एलाइनमेंट दाएं शिफ्ट कर रहा है। अपनी पहुंच और पैरवी से कोर्ट और सरकार के आदेश का उल्लंघन कर रहा है।
इस पर स्पीकर ने विभाग को निर्देश दिया कि जांच करवा लीजिए और किसानों के हित में अतिक्रमण ना हो इसका ख्याल रखा जाए। प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने सदन को आश्वासन दिया कि मामले में जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई होगी।