रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन शुक्रवार को आजसू पार्टी के गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन में व्याप्त अनियमितताओं की जांच मंत्रिमंडल निगरानी से कराने की मांग की है।
उन्होंने इस विषय को बजट सत्र के शून्य काल में उठाया और इसको लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी लाया।
विधायक ने सदन में कहा कि तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन 25 वर्षों के बाद भी फेज टू का विस्तारीकरण नहीं हो सका है।इस वजह से करीब 30 करोड़ का प्रतिमाह शुद्ध घाटा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आसन के नियमन के बावजूद मृतकों के आश्रितों को ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया गया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश संख्या डब्लू एस पी 608 /1986 के 6 दिसंबर 1990 में दिए गए निर्देश के बावजूद 59 विस्थापितों का नियोजन एवं पुनर्वास किया गया है।
समझौते के बाद भी तुलबुल रेल साइड के विस्थापितों का नियोजन नहीं किया गया है। वर्ष 2017 में 102 लोगों की नियुक्ति की गई। नियुक्ति में भारी अनियमितता बरती गयी। इस कारण नियुक्ति से संबंधित आंकड़े को नष्ट कर दिया गया है।
आठ जनवरी 2020 से अबतक वीडीए के चार अधिसूचना को जारी किया गया। बावजूद इसके एक भी लागू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रबंधन के द्वारा नियम परिनियम को ताक पर रखकर निविदा प्रकाशित एवं निस्तारित किया जा रहा है।
इसके कारण सरकार को करोड़ों की हानि हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन में व्याप्त अनियमितताओं की जांच मंत्रिमंडल निगरानी से कराया जाना आवश्यक हो गया है।
इसके पूर्व उन्होंने झारखंड विधानसभा के गेट पर इस मामले को लेकर और खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने को लेकर धरना भी दिया।