रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र के नौवें दिन गुरुवार को भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में ऑनलाइन जमीन डीड का मामला उठाया।
बिरंची ने कहा कि 12 जून, 2021 के पहले कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन तरीके से किसी भी जमीन का डीड देख सकता था। कोई भी ऑनलाइन पेमेंट कर सर्टिफाइड कॉपी निकाल सकता था, जिसे राज्य सरकार ने अब बंद कर दिया है। इससे साफ है कि सरकार ऐसा कर भूमाफियाओं को संरक्षण देकर आदिवासी-दलित के जमीन लूट को बढ़ावा दे रही है। झारखण्ड में जमीन के लूट में भू-माफियाओं और अधिकारियों का गठजोड़ है।
इस पर मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि ऑनलाइन प्रक्रिया से निबंधित दस्तावेज का सर्च और इसका कॉपी निकालना मुफ्त था। इससे राजस्व नहीं बढ़ रहा था। इसलिए इसे बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पुराने मॉडल को हटाने के बाद पिछले आठ माह में पांच करोड़ का राजस्व सरकार को मिला। सरकार अन्य राज्यों में सर्च मॉडल की समीक्षा कर रही है।
इसपर बिरंची ने कहा कि आज झारखण्ड में जमीनों की लूट हो रही है। पहले के प्रक्रिया में जमीन खरीदने वाला देख लेता था कि जमीन प्रतिबंधित है या नहीं। हफीजुल ने कहा कि क्या किसी का बैंक एकाउंट सार्वजनिक किया जा सकता हैं। बिरंची नारायण ने कहा कि सरकार ने ऐसा भू-माफियों को संरक्षण देने के लिए पुरानी प्रक्रिया को बंद किया है।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हम लोग पहले समीक्षा करेंगे उसके बाद कुछ निर्णय लेंगे। हफीजुल ने कहा कि पांच से छह माह में सरकार प्रक्रिया की समीक्षा करेगी। इस पर बिरंची नारायण ने कहा कि सरकार भूमाफियाओं को संरक्षण दे रही है।इसलिए ऑनलाइन व्यवस्था को बंद कर दिया गया है। ऐसी ही स्थिति रहेगी तो राज्य में आग लग जाएगी।