रांची: झारखंड हाई कोर्ट में जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में बुधवार को जेपीएससी संशोधित परिणाम जारी करने को लेकर सुनवाई हुई।
अदालत ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ इस मामले में सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है।
हालांकि, अदालत ने कहा कि इस याचिका के अंतिम आदेश से नियुक्ति प्रभावित होगी। अदालत ने इस मामले में जेपीएससी से कट ऑफ मार्क्स के निर्धारण से संबंधित जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से छत्तर सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि लोक सेवा आयोग को नियमावली के मुताबिक बिना किसी आरक्षण के 15 गुना अभ्यर्थियों को सफल घोषित करना है।
इस क्रम में आरक्षित वह अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ाए जाने की बाध्यता नहीं है।
ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थी बाहर हो गए हैं…
वर्तमान मामले में जेपीएससी के द्वारा कट ऑफ मार्क्स घटाकर आरक्षित एवं पिछड़ा वर्ग के नए अभ्यर्थियों को शामिल कर लिया गया है।
इस वजह से एसटी, एससी और ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थी बाहर हो गए हैं। इस पर जेपीएससी ने कहा कि उनके द्वारा कुल पद के 15 गुना परिणाम जारी किया गया है और अंतिम अभ्यर्थी के अंक 248 को कट ऑफ मार्क्स निर्धारित करते हुए नियमों के अनुसार परिणाम जारी किया गया है।
इसलिए वादी की आशंका निराधार है। इसके बाद अदालत ने जेपीएससी से कट ऑफ मार्क्स का निर्धारण से संबंधित जवाब मांगा है।