रांची: जेएसएससी संशोधित नियमावली के खिलाफ दायर याचिका में बुधवार को सुनवाई होगी। हाईकोर्ट में मंगलवार को मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन टल गई है।
सुनवाई चीफ जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच में होगी। मामले में सरकार का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता पी पटवारिया रख रहे हैं।
इसके पूर्व की सुनवाई में संशोधित नियमावली को राज्य सरकार ने छात्र हित में बताया था। हालांकि, सुनवाई की दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की थी, जिसमें कहा गया था कि नियमावली असंवैधानिक है।
नियमावली में निहित दोनों प्रावधानों को निरस्त किया जाने की मांग
कोर्ट ने बताया था कि नियमावली रही तो आने वाली बहालियां भी प्रभावित होगी। प्रार्थी रमेश हांसदा की ओर से दायर याचिका में संशोधित नियमावली को चुनौती दी गयी है।
याचिका में कहा गया है कि नयी नियमावली में राज्य के संस्थानों से ही दसवीं और प्लस टू की परीक्षा पास करने की अनिवार्य किया गया है, जो संविधान की मूल भावना और समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
वैसे उम्मीदवार जो राज्य के निवासी होते हुए भी राज्य के बाहर से पढ़ाई किए हों, उन्हें नियुक्ति परीक्षा से नहीं रोका जा सकता है।
नयी नियमावली में संशोधन कर क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं की श्रेणी से हिंदी और अंग्रेजी को बाहर कर दिया गया है, जबकि उर्दू, बांग्ला और उड़िया को रखा गया है।
ऐसे में किसी खास वर्ग को सरकारी नौकरी में अधिक अवसर देना और हिंदी भाषी बाहुल अभ्यर्थियों के अवसर में कटौती करना संविधान की भावना के अनुरूप नहीं है।
इसलिए नई नियमावली में निहित दोनों प्रावधानों को निरस्त किया जाने की मांग है।