रांची: छठी जेपीएससी मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। सिंगल बेंच के फैसले को कोर्ट ने बरकरार रखा है। सिंगल बेंच ने जेपीएससी की जारी मेरिट लिस्ट को रद्द करते हुए 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अवैध बताया है। सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ अभ्यर्थी प्रदीप राम ने डबल बेंच में अपील की थी।
इस मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई हाईकोर्ट के डबल बेंच में की गई। कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए छठीं जेपीएससी के रिजल्ट को खारिज कर दिया है।
इसके बाद 326 सफल अभ्यर्थियों का बड़ा झटका लगा है। यह जानकारी प्रार्थियों के अधिवक्ता अमितांश वत्स ने दी है। इस मामले पर जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा। छठी जेपीएससी में आयोग ने 326 लोगों को सफल घोषित किया था, जो राज्य के विभिन्न जिलों में सेवा दे रहे हैं।
एकल पीठ के आदेश को दी गयी थी चुनौती
छठी जेपीएससी मामले में प्रार्थी शिशिर तिग्गा समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमे एकल पीठ के आदेश को गलत बताते हुए उस आदेश को निरस्त करने की गुहार लगाई गयी थी।
चुनौती याचिका में कहा गया था कि छठीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) का अंक कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना सही है। इसी आधार पर जेपीएससी ने मुख्य परीक्षा के बाद मेरिट लिस्ट जारी की थी। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है।
हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार, कुमारी सुगंधा, अपराजिता भारद्वाज, तान्या सिंह, इंद्रजीत सिन्हा, अर्पण मिश्रा और अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया प्रार्थियों के अधिवक्ता हैं।
सिंगल बेंच के फैसले को सफल अभ्यर्थियों ने डबल बेंच में चुनौती दी थी। इसपर बुधवार को सुनवाई हुई और डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को बरकरार रखा है।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट रद्द करते हुए 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अवैध करार दिया था।