रांची: सदन में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि बहुत जल्द गैर सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति नियमावली तैयार होगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है।
यह भी कहा कि पिछली सरकार ने गैर सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में नई नियुक्ति पर 31 मार्च 2019 में रोक लगा दी थी जिसे वर्तमान सरकार ने हटा दिया है।
कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने मंगलवार को अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से सरकार से यह सवाल किया कि 31 मार्च 2019 को नई नियुक्ति में रोक लगाने के कारण 219 नई नियुक्ति भी प्रभावित हुई थी।
उन्होंने सरकार से 40 दिनों के भीतर नियुक्ति नियमावली बनाने का आग्रह किया। इसी का जवाब मंत्री ने दिया। इसके अलावा लघु सिंचाई मद में पिछले चार सालों में लगातार कटौती का दौर जारी है।
2022-23 में लघु सिंचाई विभाग के लिये अधिक बजटीय प्रावधान किया गया
2018-19 से अब तक (2021-22) तक इसमें कमी किये जाने से सिंचाई सुविधाओं पर असर पड़ने की बात सामने आने लगी है।
विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने सदन (विधानसभा के बजट सत्र) में जल संसाधन विभाग से इसके बारे में सवाल पूछा कि पिछले चार सालों से आखिर लघु सिंचाई में आवंटन कम क्यों हो रहा है।
इस पर विभाग की ओर से जानकारी दी गयी है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में लघु सिंचाई के लिये 404.10 करोड़ रुपये तय किये गये थे।
2019-20 में 255.65 करोड़, 2020-21 में 101.20 करोड़ तथा 2021-22 में 94.78 करोड़ निर्धारित हुआ था। यानि चार सालों में चार गुना तक बजट आवंटन कम हो गया।
हालांकि, सरकार ने यह भी दिलासा देते कहा है कि लघु सिंचाई स्कीम पर बजट आवंटन कम किये जाने के बावजूद सिंचाई स्कीम पर कोई असर नहीं पड़ा है।
बजटीय उपबंध के आलोक में लघु सिंचाई की महत्वपूर्ण योजनाएं स्वीकृत की गयी है। 2018-19 में 404.10 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध किया गया था।
इसके विरूद्ध 393.11 करोड़ रुपये का आवंटन निर्गत हुआ था। 2019-20 में 255.65 करोड़ की तुलना में 191.19 करोड़, 2020-21 में 101.20 करोड़ की अपेक्षा 95.65 करोड़ तथा 2021-22 के लिये निर्धारित बजट 94.78 करोड़ की तुलना में 25.32 करोड़ रुपये का आवंटन निर्गत किया गया है।
पिछले तीन सालों की तुलना में अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 में लघु सिंचाई विभाग के लिये अधिक बजटीय प्रावधान किया गया है।
जल संसाधन विभाग को अबकी लघु सिंचाई प्रक्षेत्र में योजनाओं को पूरा किये जाने को 306.20 करोड़ का बजटीय उपबंध प्रस्तावित किया गया है।