रांची: झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ। विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो ने पांचवें विधान सभा के आठवें बजट सत्र में सबका अभिनंदन करते हुए कहा कि हमारा युवा राज्य निर्माण के 22वें वर्ष में विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचने को आतुर है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस तीसरे बजट सत्र में हम सबों के साथ राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता की आकांक्षाएं जुड़ी हैं।
मुझे पूरी उम्मीद है कि इस बजट सत्र के माध्यम से हम राज्य में विकास की गति को और तेज कर पायेंगे और राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता के जीवन को और खुशहाल बना सकेंगे।
साथ ही कहा कि कोरोना महामारी के संभावित पटाक्षेप के बीच अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में रूस और यूक्रेन के बीच गहराते संघर्ष की छाया का विकास की हमारी आकांक्षाओं पर पड़ने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।
ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार के प्रभावित होने से लोगों के जनजीवन पर जो प्रभाव संभावित हैं। उसके निराकरण की जिम्मेवारी भी हम सब पर है।
अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के सफल संचालन में आपकी सक्रिय भागीदारी आवश्यक ही नहीं, बल्कि अति आवश्यक है।
क्योंकि, सदनरूपी जीवंत मंच से राज्य की समस्याओं का निराकरण हो पाता है। यह सब सार्थक विचार-विमर्श और संसदीय मर्यादाओं और परम्पराओं के पालन से ही संभव हो पायेगा।
सदन में सत्ता और विपक्ष की अपनी-अपनी सार्थक भूमिका है, जो प्रजातंत्र रूपी सरिता में निरंतर प्रवाहमान रहते हैं।
उन्होंने कहा कि हम सभी का यह दायित्व है कि आचरण और व्यवहार को मर्यादित रूप में प्रस्तुत कर सदन के समय का सदुपयोग करने में सार्थक भूमिका निभाएं, जिससे जनोपयोगी जन सरोकार से संबंधित विभिन्न प्रश्नों को उठाने का अवसर मिल सके।
सा ही विश्वास जताया कि आप सभी का सकारात्मक सहयोग राज्य हित में निश्चित रूप से प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि विधान सभा के इस बजट सत्र में कुल 17 बैठकें निर्धारित हैं, जिसमें सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 का आय-व्ययक का उपस्थापन किया जाएगा।
सभी सदस्यों को सदन में उपस्थापित होने वाले बजट की अनुदान मांगों पर कटौती प्रस्ताव के माध्यम से सरकार की योजनाओं की समीक्षा एवं राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सार्थक बहस के अवसर प्राप्त होंगे।
बजट प्रस्ताव, अनुदान की मांगों और कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदस्यों के कई जनोपयोगी और सार्थक सुझाव आते हैं, जिसे आने वाले वित्तीय वर्ष के बजट या चालू वित्तीय वर्ष के अनुपूरक बजट में समाविष्ट किया जा सकता है।