रांची: केंद्रीय विश्वविद्यालय मानातू कैम्पस निर्माण के लिए 500 एकड़ भूमि सरकार की ओर से अधिग्रहित की गई है।
प्रभावित भू- रैयतों के मुआवजा एवं पुनर्वास संबंधी मांग को लेकर रविवार को बैठक हुई जिसमें रांची के सांसद संजय सेठ, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सह विधायक बंधु तिर्की भी उपस्थित रहे।
बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया जिसमें विश्वविद्यालय के सभी संकायों में कम से कम पांच स्थानीय छात्रों का नामांकन लेना अनिवार्य है।
विश्वविद्यालय के तृतीय एवं चतुर्थ वर्गों के नौकरियों में विस्थापितों और स्थानीय को ही लेना है। इसके साथ ही जब तक रैयतों को मुआवजा नहीं मिल जाता रैयती भूमि पर किसी भी प्रकार निर्माण कार्य नहीं होगा।
स्थानीय ग्रामीण और विस्थापितों के लिए स्वास्थ्य की समुचित व्यवस्था विश्वविद्यालय को करनी होगी। वहीं दूसरी ओर बैठक में निर्णय लिया गया है अगली बैठक उपायुक्त रांची की अध्यक्षता में सम्पन्न होगी।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी, झारखण्ड मानातू कैंपस के निर्माण के लिए तकरीबन 500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया जिसमें 139.17 एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, धर्मगुरू बंधन तिग्गा, एसडीएम, कांके थाना प्रभारी सहित विस्तापित और ग्रामीण उपस्थित थे।