रांची: रांची से भाजपा सांसद संजय सेठ ने शुक्रवार को लोकसभा में रांची के ओरमांझी के स्वतंत्रता सेनानी जीतराम बेदिया की प्रतिमा लगाने की मांग शून्यकाल के दौरान की। सेठ ने कहा कि देश की स्वतंत्रता में जीतराम बेदिया का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है।
रांची, रामगढ़ सहित आसपास के सैकड़ों गांव के ग्रामीणों को उन्होंने एकत्र किया, प्रशिक्षण दिया और अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी।
उनकी जीवनी बताते हुए सेठ ने कहा कि जीतराम बेदिया बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे, जो जितनी सुगमता से बांसुरी बजाते थे। उतनी ही सुगमता से गुलेल और तीर धनुष भी चलाते थे।
बेदिया एक वैद्य भी थे, जो पहाड़ की जड़ी बूटियों से अपने गांव के आसपास के लोगों का उपचार करते थे। सांसद ने कहा कि अंग्रेजों को इस देश से भगाने में जिन स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी आहुति दी, उनमें जीतराम बेदिया का नाम भी प्रमुख रूप से लिया जाता है।
23 अप्रैल, 1858 को अंग्रेजों की मद्रास बटालियन के मैकडोनाल्ड से संघर्ष के दौरान बेदिया सहित कई वीरों ने अपना बलिदान दिया लेकिन अब तक इनका नाम बलिदानियों की सूची में शामिल कर उसे मान्यता नहीं दी गई है।
उन्होंने आग्रह किया कि ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी का चित्र या प्रतिमा संसद भवन में लगाई जाए। इनके बलिदान को सूचीबद्ध किया जाए ताकि हमारे गौरव और महान स्वतंत्रता सेनानी को हम अपनी कृतज्ञता प्रकट कर सकें। उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकें।