रांची: झारखंड सरकार और डीजीपी नीरज सिन्हा के खिलाफ लंबित अवमानना याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को राजी हो गया।
अदालत सेवानिवृत्ति के बाद भी झारखंड के डीजीपी के पद पर बने रहने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करेगी। इस मामले में राजेश कुमार ने याचिका दाखिल की है।
याचिकाकर्ता राजेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप लगाया है कि झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद भी पद पर बने हुए हैं।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को बताया गया कि इस अवमानना याचिका को पिछले साल सितंबर में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया था लेकिन यह अब तक सुनवाई के लिए नहीं आई है।
इस याचिका का पहले तीन फरवरी और फिर नौ फरवरी को तत्काल सुनवाई के लिए जिक्र किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई, 2021 को राज्य सरकार उसके शीर्ष अधिकारियों और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के खिलाफ उसके फैसले के कथित उल्लंघन के लिए अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया था।
बाद में डीजीपी नीरज सिन्हा को अवमानना याचिका का पक्षकार बना दिया गया। याचिकाकर्ता राजेश कुमार ने न्यायालय के फैसले के लगातार उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा कि इसे पिछले साल तीन सितंबर से सूचीबद्ध नहीं किया गया है।