दुमका: NGT पूर्वी क्षेत्र पीठ ने रेलवे को दुमका (Dumka) के घनी आबादी वाले क्षेत्र में कोयले के स्टॉकयार्ड(Coal Stockyards) के संचालन में पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (JSPCB) को 10 करोड़ रुपये का मुआवजा (Compensation) देने का निर्देश दिया है।
रेलवे द्वारा पहली बार मुआवजा
27 फरवरी को अपने फैसले में जस्टिस आदर्श कुमार गोयल (Justice Adarsh Kumar Goel) की अध्यक्षता वाली ग्रीन ट्रिब्यूनल बेंच (Green Tribunal Bench), न्यायिक सदस्य जस्टिस अमित स्टालेकर और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल ने कहा कि रेलवे साइटिंग मानदंडों (Railway Siting Norms) की अनदेखी करके पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया गया है।
पर्यावरणीय मानदंडों का पालन नहीं करने और स्टॉकयार्ड (West Bengal Power Development Corporation Limited) के उपयोगकर्ता से वसूल करने की स्वतंत्रता के साथ दो महीने के भीतर रेलवे द्वारा पहली बार में मुआवजा (10 करोड़ रुपये) जमा करने का निर्देश दिया।
आदेश में यह भी कहा गया है कि “दि भुगतान (मुआवजा) नहीं किया जाता है, तो दी गई सहमति (स्थापना के लिए सहमति-सीटीई और संचालन-सीटीओ के लिए सहमति) को रद्द किया जा सकता है और Stockyards को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।