नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली (Delhi) के तीन लैंडफिल साइट्स (landfill Sites) से कूड़ा (Trash) ना उठा पाने पर दिल्ली सरकार (Delhi Government) पर नौ सौ करोड़ रुपये का जुर्माना (Fine) लगाया है।
बुधवार को एनजीटी चेयरपर्सन (NGT Chair Person) जस्टिस आदर्श कुमार गोयल (Justice Adarsh Kumar Goel) की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश दिया। NGT ने एक माह के अंदर जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया।
नौ सौ करोड़ रुपये का जुर्माना
सुनवाई के दौरान एनजीटी ने ओखला, गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल साइट के कूड़े का निस्तारण ना हो पाने पर सरकार को जमकर फटकार लगाई।
इसके बाद एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर तीन सौ करोड़ रुपये प्रति साइट के अनुसार नौ सौ करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। एनजीटी ने कहा कि यह नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है।
साथ ही पर्यावरण (Environment) की रक्षा के लिए सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत की विफलता भी है।
NGT ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा न कर पाने के लिए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली नगर निगम दोनों ही जिम्मेदार हैं।
1 महीने के अंदर जुर्माना जमा करने का आदेश
NGT ने कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि लैंडफिल साइट से कूड़ा के निस्तारण के लिए केवल निचले स्तर के अधिकारियों को ही लगाया गया।
एनजीटी ने इस मामले में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को एक महीने के अंदर जुर्माना की राशि जमा करने का आदेश दिया।
एनजीटी ने यह साफ किया कि तीनों लैंडफिल साइट्स में 280 टन मलबा लाया गया, जबकि सिर्फ 59 टन का ही निस्तारण किया गया है। ये एक गंभीर मामला है।