नई दिल्ली:राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मुंडका अग्निकांड में 27 लोगों की मौत पर गंभीर चिंता जताई है। आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है।
रिपोर्ट में जिम्मेदार अधिकारियों और प्राधिकार के खिलाफ कार्रवाई, दोष तय करने और राहत व पुनर्वास की जानकारी शामिल होनी चाहिए।
आयोग का कहना है कि आग की इस घटना ने एक बार साबित कर दिया है कि दिल्ली के अधिकारियों ने अतीत की ऐसी ही घटनाओं से सीख नहीं ली है।
घटना ने अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की कमी और उसके कार्यान्वयन की कमियों उजागर किया है
आयोग ने कहा है कि मीडिया रिपोर्टों से साफ है कि राष्ट्रीय राजधानी में लोकसेवकों ने वैधानिक कर्तव्यों को नहीं निभाया और उनकी लापरवाही से पीड़ितों के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ।
अग्निकांड की गंभीरता और इन घटनाओं में पिछली सिफारिशों की अनदेखी को देखते हुए आयोग ने अपने महानिदेशक को तुरंत मौके पर एक टीम भेजने के लिए कहा है।
आयोग का कहना है कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार भवन की कोई स्वीकृत योजना नहीं थी और कारखाना बिना किसी लाइसेंस के चल रहा था। कथित तौर पर यह तथ्य उत्तरी दिल्ली नगर निगम(North Delhi Municipal Corporation) की जांच में सामने आया है।
ऐसी सैकड़ों इमारतें भीड़भाड़ वाले इलाकों से चल रही हैं, जिन पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारी संघर्ष कर रहे हैं।
दिल्ली में कई ऐसे इलाके हैं जहां बड़े पैमाने पर अनधिकृत निर्माण के कारण दमकल की गाड़ियां भी प्रवेश नहीं कर सकती हैं।