नई दिल्ली: एनआईए ने नार्को-टेरर इन्वेस्टिगेशन केस में पाकिस्तान से तस्करी की हुई हेरोइन प्राप्त करने और उसे बेच कर प्राप्त किए पैसों का इस्तेमाल प्रतिबंधित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) की आगे की गतिविधियों के लिए करने के लिए धमिर्ंदर सिंह उर्फ धाना के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि एजेंसी ने मोगा के निवासी नार्को-आतंकवादी धाना के खिलाफ आईपीसी और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट की कई धाराओं के तहत पंजाब के मोहाली में एनआईए स्पेशल कोर्ट में पूरक आरोप पत्र दायर किया।
अधिकारी ने कहा कि, आरोपी जजबीर सिंह समरा द्वारा पाकिस्तान से तस्करी कर लाया गया ड्रग्स लेकर धाना स्थानीय तस्करों को बेचता था।
अधिकारी ने कहा, प्राप्त आय को केएलएफ की गतिविधियों को और मजबूत करने के लिए समरा को सौंप दिया जाता था।
एनआईए ने 29 मई को 10 आरोपियों के खिलाफ पहली चार्जशीट दायर की थी, जिसमें समरा, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी, वरिंदर सिंह चहल, निर्मल सिंह उर्फ नीलधारी, सतपाल सिंह, हीरालाल, हरजीत सिंह उर्फ बग्गा, जसमीत सिंह हाकिमजादा, हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी और जसबीर सिंह उर्फ शेरा शामिल हैं।
पंजाब पुलिस ने पिछले साल दिसंबर में समरा से 1.20 लाख रुपये के ड्रग्स और 500 ग्राम हेरोइन जब्त करने के बाद एक मामला दर्ज किया था, जिसके बाद एनआईए ने एक मामला दर्ज किया।
पाकिस्तान स्थित केएलएफ प्रमुख हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी की भूमिका( माना जाता है कि वह मर चुका है) और हकीमजादा (दुबई स्थित अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर और मनी लॉन्ड्रर) केएलएफ के आतंकवादी गतिविधियों को मजबूत करने के लिए नार्को-आतंक नेटवर्क चलाने में प्रमुख रूप से उभर कर सामने आए हैं।
जांच से पता चला है कि पंजाब, दिल्ली और दुबई में स्थित नार्को-ट्रैफिकर्स, आतंकवादी तत्वों और हवाला ऑपरेटर्स से जुड़े लोगों का एक नेटवर्क हरमीत सिंह और हकीमजादा के इशारे पर चल रहा था।