नई दिल्ली: निफ्टी (Nifty) में अभी और गिरावट आ सकती है। यह अपने वर्तमान स्तर से फिसलकर 14,500 या 14,000 तक भी आ सकता है। इसके पीछे कई वजहें गिनाते हुए जेफरीज के इक्विटी हेड क्रिस वुड ने सोमवार को कही हैं।
चूंकि जेफरीज़ और क्रिस वुड दोनों ही शेयर बाजार के जाने-माने नाम हैं, तो वुड की बात को हल्के में लेना गलत होगा।सोमवार को निफ्टी 15,700 से नीचे फिसल गया, हालांकि बाद में कुछ अंकों की रिकवरी हुई।
क्रिस वुड का कहना है कि अगर अमेरिका में फेडरल रिजर्व अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में सख्ती जारी रखता है तो एसएंडपी इंडेक्स अपने उच्चतम स्तर से 30 फीसदी गिर सकता है।
उच्चतम स्तर से 30 फीसदी गिर सकता
अगर भारतीय बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) का इनवेस्टमेंट जारी रहता है, तो स्थिति अलग हो सकती है। अमेरिकी इकॉनमी के बारे में उन्होंने कहा कि अगर इस कैलेंडर ईयर की चौथी तिमाही में अमेरिकी इकॉनमी में स्लोडाउन के ठोस संकेत नहीं दिखते हैं तो उन्हें हैरानी होगी।
अमेरिका में फेडरल रिजर्व एक तरफ मॉनेटरी पॉलिसी को सख्त कर रहा है तो दूसरी तरफ बैलेंसशीट घटा रहा है। वुड ने कहा जब तक ये दोनों चीजें जारी रहेंगी, तक तक अमेरिकी शेयर बाजारों में कमजोरी बनी रहेगी।
अगर एसएंडपी अपने उच्चतम स्तर से 30 फीसदी नीचे नहीं आता है, तो हमें हैरानी होगी। क्रिस वुड ने कहा 10 साल से अधिक समय से अमेरिकी स्टॉक मार्केट में ईटीएफ के रास्ते बड़ा निवेश देखने को मिला है।
इनमें से ज्यादातर फंड एसएंडपी से लिंक्ड हैं। इस साल की शुरुआत में एसएंडपी (S & P) से लिंक्ड ईटीएफ (Linked ETFs) में एक लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा निवेश हुआ। अगर अब ऐसे प्रोडक्ट से पैसा निकल रहा है तो यह बड़ी गिरावट का संकेत हो सकता है।