नई दिल्ली: नीति आयोग स्त्री-पुरूष समानता में मौजूद खाई को चिह्नित करने और उस दिशा में हुई प्रगति को आंकने के लिए राष्ट्रीय जेंडर सूचकांक (एनजीआई) विकसित करने में जुटा हुआ है।
नीति आयोग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि यह सूचकांक परिभाषित स्त्री-पुरूष मानदंडों पर राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की प्रगति को आंकने और सकारात्मक बदलाव लाने की एक बुनियाद बनाने वाले एक माध्यम के तौर पर काम करेगा।
एनजीआई स्त्री-पुरूष समानता से जुड़े नीतिगत कदमों और वकालत करने वाली मांगों को समर्थन देगा और सतत विकास लक्ष्यों के मसौदे से जुड़ा हुआ होगा।
इसके साथ ही नीति आयोग ने राज्य ऊर्जा एवं जलवायु मसौदा सूचकांक भी तैयार किया है। यह बिजली वितरण कंपनियों की व्यवहार्यता और प्रतिस्पर्द्धा, बिजली की पहुंच, किफायत-स्तर और विश्वसनीयता, स्वच्छ ऊर्जा पहल, ऊर्जा दक्षता, उत्पादन क्षमता, पर्यावरणीय संवहनीयता जैसे मामलों में राज्यों के प्रदर्शन का आकलन करेगा।
नीति आयोग ने कहा है कि यह सूचकांक राज्यों को अपने ऊर्जा संसाधनों के कारगर प्रबंधन और लोगों की बिजली तक बेहतर पहुंच मुहैया कराने में मदद करेगा।