नई दिल्ली: नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य एसडीजी भारत सूचकांक और डेशबोर्ड में काफी सुधार हुआ है जो देश की आर्थिक प्रगति का सूचक है। सोमवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।
नीति आयोग सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) भारत सूचकांक और डेशबोर्ड पर भारत का समग्र स्कोर 2019-20 के 60 से बढ़कर 2020-21 में 66 हो गया है । वर्ष 2018-19 में यह 57 था। यह सुधार लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति का संकेत है।
इसमें कहा गया है कि 2020-21 एक महामारी वर्ष होने के बावजूद, भारत ने नीति आयोग एडीजी द्वारा निर्धारित 15 लक्ष्यों में से आठ पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
इनमें विभिन्न लक्ष्य शामिल हैं और वे इस प्रकार हैं: लक्ष्य 3 (अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण), लक्ष्य 6 (स्वच्छ पानी और स्वच्छता), लक्ष्य 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा), लक्ष्य 10 (कम असमानता), लक्ष्य 11 (टिकाऊ शहर और समुदाय), लक्ष्य 12 (जिम्मेदार खपत और उत्पादन), लक्ष्य 15 (भूमि पर जीवन) और लक्ष्य 16 (शांति, न्याय और मजबूत संस्थान)।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत के संघीय ढांचे का तात्पर्य है कि देश को प्रगति को सक्षम करने के लिए राज्यों को अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से संभालना चाहिए।
यह सूचकांक मानता है कि सभी स्तरों पर कार्रवाई की आवश्यकता है, और इसलिए यह सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद के ²ष्टिकोण पर आधारित है।
नीति आयोग 2018 से प्रतिवर्ष एसडीजी इंडिया सूचकांक प्रकाशित कर रहा है। इसका तीसरा संस्करण 2020-21 प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के लिए 16 लक्ष्यों पर केन्द्रित है ।
कुल मिलाकर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के स्कोर 16 एसडीजी में इसके प्रदर्शन के आधार पर मापे जाते हैं ये स्कोर 0-100 के बीच होते हैं, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आकांक्षी (स्कोर 0-49), निष्पादक (स्कोर 50-64), फ्रंट रनर (65-99) और अचीवर (स्कोर 100) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।