Gadkari’s statement: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शिक्षा और प्रशासन में मुस्लिम समुदाय की भागीदारी बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि समाज का विकास तभी संभव है, जब अधिक मुस्लिम युवा IAS और IPS बनें। उन्होंने यह बयान ननमुदा संस्थान के दीक्षांत समारोह में दिया।
जाति और धर्म से ऊपर समाज सेवा
गडकरी ने कहा कि वह जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते। उन्होंने अपनी चुनावी यात्राओं (Election Tours) का जिक्र करते हुए कहा, “जो करेगा जात की बात, उसको मारूंगा लात।” उन्होंने बताया कि वे सिर्फ समाज सेवा को प्राथमिकता देते हैं, चाहे इससे उनकी राजनीतिक स्थिति प्रभावित हो या नहीं।
मुस्लिम युवाओं को दी शिक्षा और प्रशासन में आगे बढ़ने की सलाह
गडकरी ने कहा कि जब वह MLC थे, तब उन्होंने नागपुर के अंजुमन-ए-इस्लाम संस्थान को इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की अनुमति दी।
उन्हें महसूस हुआ कि मुस्लिम युवाओं को शिक्षा और प्रशासन में अधिक अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम समुदाय से अधिक इंजीनियर, IAS और IPS निकलते हैं, तो पूरे समाज का विकास होगा।
APJ अब्दुल कलाम का दिया उदाहरण
गडकरी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Dr. APJ Abdul Kalam) का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा ही समाज को बदलने की ताकत रखती है। उन्होंने कहा कि आज हजारों छात्र अंजुमन-ए-इस्लाम के बैनर तले इंजीनियर बन चुके हैं, और यदि उन्हें यह अवसर नहीं मिलता, तो वे पीछे रह जाते।
राजनीतिक नुकसान की परवाह नहीं
गडकरी ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपने सिद्धांतों पर कायम रहने का फैसला किया। अगर उनके विचारों के कारण चुनाव हारने या मंत्री पद खोने की नौबत आती है, तो भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।