पटना: पांच से लेकर 18 सालों से लगातार अनुपस्थित रहने वाले छह चिकित्सकों को नीतीश सरकार ने बर्खास्त कर दिया है।
इनमें बेगूसराय के बलिया में कार्यरत डॉ. ज्योति, शेखपुरा के डॉ. मोशब्बिर हयात असकरी, लखीसराय के हलसी के डॉ. रामचंद्र प्रसाद, रोहतास की डॉ. इंदू ज्योति, गोपालगंज के फुलवरिया की डॉ. संगीता पंकज तथा बेगूसराय के साहेबपुर कमाल में कार्यरत डॉ. सुनील पाठक शामिल हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
सूबे के सभी पार्कों का रख-रखाव अब पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग करेगा। अभी तक यह जिम्मेदारी नगर विकास एवं आवास विभाग के पास थी।
मालूम हो कि पटना के सभी करीब 70 पार्कों की देख-रेख की जिम्मेदारी पहले से ही वन-पर्यावरण विभाग को दी गई है। इसी तर्ज पर अब राज्य के सभी पार्कों की देख-रेख भी वन-पर्यावरण विभाग को दे दिया गया।
शहरी निकाय ठीक से पार्कों का रख-रखाव ठीक से नहीं कर पा रहे थे। वहीं वन एवं पर्यावरण विभाग इसे बेहतर ढंग से कर रहा है। इनके पास इसके विशेषज्ञ भी हैं।
किशनगंज में स्थापित हो रहे पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के लिए 208 पदों का सृजन किया गया है।
विभागीय आंकड़े एकत्र करने और विभागों का बजट तैयार करने के लिए 136 पदों का सृजन किया गया है।
राज्य के प्रमुख 27 बड़े विभागों में बिहार सांख्यिकी सेवा के एक-एक सहायक निदेशक व एक-एक सहायक सांख्यिकी पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
योजना एवं विकास विभाग में 41 विभागों में बजट तैयार करने के लिए एक-एक सहायक निदेशक और योजना सहायक नियुक्त होंगे।
चीनी मिलों को आर्थिक पैकेज के रूप में पेराई सत्र (2019-20) में खरीदे गए ईंख पर क्षेत्रीय विकास परिषद कमीशन की दर को ईंख मूल्य की दर का 1.80 प्रतिशत से घटाकर 0.20 प्रतिशत कर दिया गया है।
राज्य के चीनी उद्योगों के समक्ष उत्पन्न आर्थिक संकट के आलोक में सरकार ने यह निर्णय लिया है।