पटना: नीतीश कैबिनेट ने 20 लाख लोगों को रोजगार, मुफ्त में टीका तथा युवाओं को रोजगार के लिए 10 लाख का अनुदान देने को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने इसे जुमलेबाजी करार देते हुए कहा कि पुराने जुमले को ही नये कलेवर में परोसा गया है।
बुधवार को उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार चुनावी वादों को अमलीजामा पहनाने का महज झांसा देने के लिए जुमला साबित हो चुके अपनी पुरानी घोषणाओं को ही नये कलेवर के साथ दुहरा रही है।
इसमें पूर्व घोषित कार्यक्रमों मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) को दुहराने के अलावा नया कुछ है ही नहीं।
राजद प्रवक्ता ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना की घोषणा की थी। जिसमें कार्यशील पूंजी के रूप में 10 लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया था।
इसके लिए सभी जिलों में सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) खोलना था, पर मुख्यमंत्री की यह घोषणा मात्र जुमला बन कर रह गया और अबतक एक भी बेरोजगार को इसका लाभ नहीं मिला।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार रोजगार सृजन के नाम पर केन्द्र सरकार का प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) कार्यक्रम है।
जिसके तहत उद्योग लगाने के लिए 25 लाख और सेवा क्षेत्र के लिए 10 लाख रुपये देने का प्रावधान है।
इसमें लगभग 9 लाख रुपये सब्सिडी देने की घोषणा की गई थी, पर यह कार्यक्रम भी मात्र जुमलेबाजी बन कर रह गई।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के पहल पर चुनाव का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा नौकरी और रोजगार बन गया था।
मजबूरी में भाजपा ने 19 लाख नौजवानों को नौकरी और रोजगार देने का वादा किया था।
पर नवगठित नीतीश सरकार नौकरी के सवाल पर अभी तक चुप्पी साधे हुए है जबकि भाजपा के दवाब में 20 लाख रोजगार देने की जुमलेबाजी कर बेरोजगार नौजवानों को झांसा देना चाह रही है।