पटना: बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने वाली है लेकिन नई सरकार के गठन की तारीख अभी तय नहीं है। विधान सभा चुनाव का परिणाम आने के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के प्रदेश कार्यालय में विधायकों के साथ बैठक की। इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि एनडीए की बैठक में नेता तय होगा। अगले 2-3 दिनों में सब कुछ साफ हो जाएगा।
अभी इस सरकार का कार्यकाल 29 नवम्बर तक है लेकिन इसके पहले बिहार विधानसभा को भंग करना होगा। उसके बाद नई सरकार का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए के सभी चार घटक दल के नेता शुक्रवार को बैठक करेंगे, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
बिहार में एनडीए को बहुमत मिलने के बाद पहली बार मीडिया के जरिए प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि एनडीए की औपचारिक बैठक के बाद ही नेता के नाम पर मुहर लगेगी।
इससे पहले गुरुवार को नीतीश कुमार ने जदयू नेताओं और नव निर्वाचित विधायकों के साथ बैठक भी की। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए को बहुमत मिला है लेकिन हमारे गठबंधन में शामिल सभी चार घटक दलों के नेता मिल-बैठकर आपसी सहमति से कोई फैसला करेंगे। नीतीश कुमार ने यह भी कहा है कि उनका शपथ ग्रहण कार्यक्रम कब होगा, यह अभी तय नहीं है। शपथ ग्रहण दीपावली के बाद होगा या छठ के बाद यह फिलहाल नहीं कहा जा सकता है।
लोजपा का नाम लिये बिना नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोगों ने छोटे-छोटे उम्मीदवारों को खड़ा कर हमारे प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचाया है। हम लोग एक-एक सीट का आकलन कर रहे हैं। उसमें इस बात की पुष्टि हुई है कि कुछ सीटों का नुकसान एक खास वजह से हुआ है। एनडीए के अंदर इन सब बातों पर मंथन किया जा रहा है। भाजपा इन सभी बातों को देखेगी।
नीतीश कुमार ने कहा कि जब तक काम करेंगे, हम सबके लिए काम करेंगे। काम करने के बाद भी अगर वोट नहीं मिलता है तो उन्हें सोचना होगा लेकिन हम क्राइम, कम्यूनलिज्म और करप्शन से समझौता नहीं करेंगे। भाजपा लगातार कह रही है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे, इसपर नीतीश कुमार ने कहा कि हर किसी को बोलने की स्वतंत्रता है। नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ कंफ्यूजन की वजह से थोड़ी परेशानी हुई लेकिन वोटिंग खत्म होने के बाद जब एक्जिट पोल आया तब लोगों के मन में क्या सोच थी इसे समझिए।