No Smoking Day : ‘ Smoking स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है’ एक टैगलाइन है जिसे हम सभी ने बड़े होते देखा है। Smoking के दुष्परिणामों के बारे में विज्ञापन, जागरूकता अभियान हर जगह रहे हैं,
यहां तक कि सिगरेट के डिब्बे के 70 प्रतिशत पैकेजिंग को भी कवर किया गया है, लेकिन पुरुषों को आदत से कोई भी रोक नहीं पाया है। और इसलिए Smoking के दुष्प्रभावों के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने और उन्हें धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए, हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को धूम्रपान निषेध दिवस मनाया जाता है। यह दिन यूनाइटेड किंगडम के नो टोबैको डे से प्रेरणा लेकर अस्तित्व में आया।
No Smoking Day : History
No Smoking Day शुरू में मार्च के पहले बुधवार को मनाया जाता था क्योंकि यह ऐश बुधवार से शुरू हुआ था और समय के साथ यह दूसरे बुधवार को स्थानांतरित हो गया। और 1984 में यूनाइटेड किंगडम में क्या शुरू हुआ जब इसकी आबादी तंबाकू की आदी हो गई। यह अब दुनिया के बाकी हिस्सों में भी एक घटना बन गई है।
दिन की शुरुआत नशे की लत धूम्रपान करने वालों को हमेशा के लिए धूम्रपान छोड़ने में मदद करने के उद्देश्य से हुई।
हर साल थीम बदलती है लेकिन फोकस वही रहता है, जो लोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। उच्च सफलता दर रखने वाले कुछ विषय ‘टाइम टू क्विट’, ‘ब्रेक फ्री’ हैं। इस वर्ष की थीम है ‘धूम्रपान छोड़ना तनावपूर्ण नहीं होना चाहिए’। इस वर्ष का फोकस उन लोगों को शांत करना होगा जो धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं और उन्हें बताएं कि प्रक्रिया तनावपूर्ण नहीं होनी चाहिए।
धूम्रपानसे होने वाली बीमारियां
पड़ सकता है प्रजन्न क्षमत में असर
एक शोध में ये बात सामने आई कि धूम्रपान, भ्रूण के विकास में पुरुष के शुक्राणुओं और कोशिकाओं की संख्या को नुकसान पहुंचाते हैं। महिलाओं के द्वारा धूम्रपान करने से गर्भस्राव या जन्म देने वाले बच्चे में स्वास्थ्य समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है। इसके अलावा धूम्रपान से ओवुलेशन समस्याएं हो सकती है।
कैंसर
स्मोकिंग करने से सबसे ज्यादा फेफड़ों के कैंसर की संभावना होती है। एक शोध के अनुसार तम्बाकू धूम्रपान और फेफड़े के कैंसर के खतरे के बीच एक मजबूत संबंध है। यहीं नहीं स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा फेफड़े का कैंसर होने का खतरा रहता है।
तेजी से उम्र घटाए
स्मोकिंग करने से आपकी स्किन पर समय से पहले ही सूजन, फाइन लाइन, उम्र से पहले स्पॉट्स के साथ-साथ झुर्रियां पड़ जाती है। इसका कारण है सिगरेट में पाया जाने वाला निकेटिन रक्त वाहिकाओं को कम कर देता है। यानी की स्किन के बाहरी परतों पर खून की कमी होने लगती है।
सांस की समस्या
स्मोकिंग करने से श्वसन में कमी, खांसी और कफ उत्पादन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकतीं हैं। इसके अलावा, धूम्रपान में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड खून में प्रवेश करता है और आपकी ऑक्सीजन-क्षमता को सीमित करता है। इससे कफ को बढ़ाता है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।
हार्ट संबंधी रोग
सिगरेट में निकोटिन सहिक कई विषैले पदार्थ पाए जाते है। जो कि हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी कई समस्या हो सकती है। जिसके कारण बोल्ने की शक्ति, सुनने की क्षमता, आंशिक अंधापन की समस्या हो सकती है। धूम्रपान ना करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में स्ट्रोक होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है।
डायबिटीज
इसमें पाया जाने वाला ग्लूकोज आपके चयापचय को बी बिगाड़ देता है। जो कि टाइम 2 डायबिटीज का कारण बनता है। दरअसल धुएं में आर्सेनिक, फार्मलाडिहाइड और अमोनिया शामिल हैं। ये रसायन खून में शामिल होकर आंखों के नाजुक ऊतकों तक पहुंच जाते हैं जिससे रेटिना कोशिकाओं की संरचना को नुकसान होता है।
Smoking छोड़ने के उपाय
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के अनुसार तंबाकू और धूम्रपान के सेवन को छोड़ने का मन तो बहुत सारे लोगों का होता है, परंतु वह इस लत को इतनी आसानी से नही छोड़ पाते हैं, क्योंकि तंबाकू में पाया जाना वाला निकोटिन शरीर के रक्त में इस तरह से घुल जाता है कि शरीर को इसका आदी बना देता है। ऐसे में कुछ खास आयुर्वेदिक उपचार हैं, जो आपको तंबाकू छोड़ने में आपकी मदद करेंगे और आपको तंबाकू सेवन से दूर कर सकते हैं। सबसे पहले तो आपको अपनी इच्छा शक्ति में मजबूती लानी होगी, क्योंकि यदि आपकी ही इच्छा छोड़ने की नहीं होगी, तो यह उपाय उतने ज्यादा असरकारी नही होंगे।
आयुर्वेद के अनुसार, तंबाकू सेवन की लत से छुटकारा पाने के लिए अजवाइन के बीजों में नींबू का रस और काला नमक मिलाकर उसे दो दिन के लिए रख दें। इसके बाद आप उसका सेवन तभी करें, जब आपको तंबाकू सेवन का मन करें। यदि आप ऐसा एक से दो महीने तक करते हैं, तो धीरे-धीरे आपकी तंबाकू खाने की आदत छूट जाएगी।
तंबाकू छोड़ने की लत आपकी धीरे-धीरे ही समाप्त होगी। इसके लिए जब भी आपका तंबाकू खाने की इच्छा हो, तो तंबाकू की जगह आप बारीक सौंफ और मिश्री (देसी खांड) की बराबर मात्रा लेकर उसको धीरे-धीरे मुंह में रखकर चबाते रहें। ऐसा यदि आप एक या दो महीने करते हैं, तो आप तंबाकू, सिगरेट और गुटका से आसानी से छुटकारा पा लेंगे।
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