रांची: केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड का भारी भरकम 91,270 करोड़ रुपये का बजट निराशाजनक है। यह अस्पष्ट भविष्य का अप्रासंगिक बजट है।
अर्जुन मुंडा ने बुधवार को यहां कहा कि सरकार ने पिछले वित्त वर्ष के लेखा-जोखा का आकलन किये बगैर विकास के मापक के भूल भुलैया को पेश किया है। राज्य की जनता के समक्ष एक छद्म व्योरा पेश किया है।
बजट में कर, राजस्व एवं करेत्तर राजस्व अधिप्राप्ति ही इनके आर्थिक संयोजन के उदाहरण हैं।
महामारी के कारण बेरोजगारी बढ़ी है और सरकार के पास रोजगार के सृजन से जुड़े कोई विजनरी कदम बजट में नहीं दिख रहा है।
राज्य के लघु-मध्यम उद्यम ही इसका समाधान करने में सक्षम हैं। लेकिन, उनके लिए बजट में कुछ भी नहीं है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में झारखंड 27 वें नंबर पर है।